November 25, 2024

हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जल्द करेगी कार्यवाही, विभागों और निगमों से मांगा पूरा ब्योरा

Chandigarh/Alive News : भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हरियाणा सरकार कार्रवाही करने के मूड है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने सभी विभागों और निगमों से प्रदेश के उन सभी संवेदनशील पदों की सूची मांगी है। जहां पर भ्रष्टाचार होता है या फिर जहां पर भ्रष्टाचार की आशंका है और जो लोग ऐसे पदों पर तीन साल से अधिक समय से बैठे हैं। दूसरा अंडर रूल 7 के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों पर लंबित मामलों की रिपोर्ट तलब की है। दोनों ही मामलों में सरकार ने पांच अक्तूबर से पहले विस्तृत ब्योरा मांगा। रिपोर्ट आने के बाद सरकार आगामी कदम उठाएगी।

मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव विजय वर्धन ने इसके लिए हरियाणा के सभी प्रशासनिक सचिव, निगमों और बोर्डों के एमडी समेत तमाम डीसी और अन्य आला अधिकारियों को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि सभी विभागों, निगमों और बोर्डों के मुख्यालयों और फील्ड के कार्यालयों में ऐसे कई संवेदनशील पद हैं। 

सरकार की मंशा है कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ऐसे पदों की पहचान की जाए, साथ ही ऐसे पदों पर रहने के लिए समय सीमा तय की जाए। इसलिए पब्लिक डीलिंग, निर्णय लेने वाले, वित्त मामले, ग्रांट और लाइसेंस जारी करने वाले पदों पर पिछले तीन साल से बैठे अधिकारियों के नाम और पद समेत पूरी जानकारी मांगी है।

हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के लंबित मामलों को जल्द निपटाने के निर्देश दिए हैं। अंडर रूल 7 के तहत काफी संख्या में मामले अभी लंबित पड़े हैं। सरकार चाहती है कि जल्द इन पर कार्रवाई हो। मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किए हैं, जो भी दोषी अधिकारी व कर्मचारी है, उन पर कार्रवाई करके रिपोर्ट भेजें। मुख्य सचिव विजय वर्धन ने, अब तक इन मामलों में क्या कार्रवाई की गई, इसकी रिपोर्ट पांच अक्तूबर को तलब की है।

मुख्य सचिव की ओर से बकायदा प्रोफार्मा भेजा गया है, उसी के हिसाब से रिपोर्ट मांगी गई है। प्रोफार्मा में ये बताना होगा कि किस अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट या फिर अनुशासनात्मक मामला लंबित है और कब से लंबित है। जांच कब से शुरू हुई और उस पर अब तक क्या एक्शन लिया गया। प्रोफार्मा में विस्तृत जानकारी भरकर उसे मुख्य सचिव कार्यालय को भेजनी होगी।