Chandigarh/Alive News : हरियाणा सरकार पराली का धुआं दिल्ली, एनसीआर और अपने यहां की फिजाओं में अब ज्यादा समय तक बर्दाश नहीं कर सकती। इसके लिए ऊर्जा विभाग ने 2023 तक 200 बायोगैस प्लांट स्थापित करने का खाका खींचा है। इनमें सालाना 24 लाख टन पराली खपाने का लक्ष्य है।
दरअसल, सरकारी दस्तावेज के अनुसार प्लांट लगाने के लिए हरेडा व आईओसीएल यानी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बीच समझौता हो चुका है और बहुत जल्द 30 प्लांटों पर जल्दी काम शुरू होने वाला है। इसके अलावा तीन प्लांटों पर काम पूरा हो चुका है और सात प्लांटो पर कार्य जारी है। प्रदेश में सालाना 70 लाख टन पराली निकलती है। इसमें से 30 लाख टन का कोई उपयोग नहीं हो पाता। 40 लाख टन पराली उत्तम किस्म की होने के कारण अनेक जगह इस्तेमाल हो जाती है। इसे देखते हुए सरकार ने पराली व अन्य जैविक कचरे से कंप्रेसड बायो गैस बनाने का फैसला लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर दिए गए हैं और प्लांट में खपाई जाने वाली पराली से पचास प्रतिशत तक फ्यूल तैयार होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सभी प्लांट स्थापित होने पर पराली को खेतों में जलाने के मामले न के बराबर रह जाएंगे। इससे पर्यावरण प्रदूषित होने से बचेगा। एनजीटी के निर्देशानुसार सरकार पराली को जलने से रोकने के लिए अनेक कदम उठा रही है। प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आई है और किसान भी जागरूक हुए हैं।