Chandigarh/Alive News: कबीर जयंती के दिन मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के बाहर संत कबीर कुटीर निवास की पट्टिका लगा दी गई है।हरियाणा सरकार का जोर सर्वधर्म समभाव व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने पर है। इस कड़ी में राज्य सरकार की ओर से सभी महापुरुषों के जयंती कार्यक्रम राज्य स्तर पर मनाए जा रहे हैं।
महर्षि वाल्मीकि जयंती, महर्षि कश्यप जयंती, संत रविदास जयंती, डा. भीमराव अंबेडकर जयंती और सिखों के गुरुओं के सम्मान में प्रकाश उत्सव कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। दो दिन पहले रोहतक में संत कबीर जयंती मनाई गई। उसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि भविषय में भी जिन महापुरुषों के जयंती कार्यक्रम आएंगे, उन्हें राज्य सरकार पूरे सम्मान के साथ मनाएगी।
हरियाणा भाजपा के प्रवक्ता सुदेश कटारिया का कहना है कि हरियाणा के इतिहास में संत-महापुरुषों के राज्य स्तरीय जयंती कार्यक्रम पहली बार आयोजित किये जा रहे हैं। समाज के लोग आपस में धनराशि इकट्ठा कर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते थे, लेकिन अब इसकी सारी जिम्मेदारी खुद सरकार ने अपने ऊपर ले ली है। हरियाणा एक हरियाणवी एक की सोच पर चल रही सरकार के मुखिया का यह निर्णय इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि किसी मुख्यमंत्री निवास का नाम एक ऐसी विभूति के नाम पर रखा गया, जिसने सैकड़ों साल पहले जो कहा वह आज भी प्रासंगिक है। संत कबीर के दोहों में जीवन का सार छिपा है।