Chandigarh/Alive News: एक तरफ प्रदेश में कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे है। प्रदेश में कुल मामलों की संख्या 623 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार एक दिन में 138 नए केस आए हैं। प्रदेश में कुल संख्या 623 है। आपको बता दें कि मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में ब्लैक फंगस के कुल मरीजों की संख्या 507 दर्ज थी। बुधवार को जारी बुलेटिन में यह संख्या 485 बताई गई। गुरुवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, हरियाणा में कुल मरीजों की संख्या 623 है, इनमें से 564 मरीज अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में उपचाराधीन हैं। अब तक राज्य में ब्लैक फंगस से 32 लोगों की मौत हो चुकी है। 27 मरीज ठीक हो चुके हैं। गुरुवार को पांच मरीज ठीक हुए।
अंबाला में 7, भिवानी 11, फरीदाबाद 56, फतेहाबाद 13, गुरुग्राम 239, हिसार 163, झज्जर 11, कैथल 2, करनाल 21, यमुनानगर-कुरुक्षेत्र 1-1, नूंह 9, पंचकूला 6, पानीपत 29, रेवाड़ी 10, रोहतक 3, सिरसा में 41 केस आ चुके हैं। वहीं, ठीक होने वालों की बात करें तो फरीदाबाद 1, फतेहाबाद 4, गुरुग्राम 11, हिसार 9, करनाल व सिरसा में 1-1 मरीज ठीक हुआ है। भिवानी में 1, गुरुग्राम 3, हिसार 14, झज्जर 4, करनाल-नूंह1-1, पानीपत 2 व सिरसा में 5 मरीजों की मौत हो चुकी है।
इंजेक्शन नहीं मिलने से बढ़ रही परेशानी
हरियाणा चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड के दवा भंडार में 1,23,570 रेमडेसिविर और 196 टोसिलिजुमैब के इंजेक्शन हैं। हालांकि, ब्लैक फंगस के उपाचर में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की किल्लत चल रही है। सरकार ने वैश्विक निविदा जारी की है लेकिन दवा आने में अभी समय लगेगा। मरीजों को समय पर इंजेक्शन नहीं मिलने से परेशानी बढ़ रही है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 75-75 बेड होंगे आरक्षित
हरियाणा के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अब 75-75 बेड आरक्षित होंगे। पहले इनकी संख्या 20 थी। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कोरोना और ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान यह आदेश दिया।
उन्होंने बताया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के 522 मरीज उपचाराधीन हैं। इन मरीजों को दवाइयां बिना किसी देरी के उपलब्ध करवाई जाएं। राज्य के सभी आठ स्थानों पर लगाए जा रहे पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के संचालन एवं प्रबंधन के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए।