Faridabad/Alive News: 36वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले के थीम स्टेट पुर्वोत्तर के 8 राज्यों की हस्तशिल्प उत्पादों का बांस से निर्मित उत्तर पूर्व पवेलियन में प्रदर्शन किया गया है। इन आठ राज्यों परंपरागत शिल्प कला का अनूठा नमूना इस पवेलियन में देखने को मिल रहा है। विशेषकर महिलाएं इस पवेलियन के उत्पादों में विशेष रूचि ले रही हैं। उत्तर पूर्व जोनल सांस्कृतिक केंद्र की समन्वयक पपली गोगोई के नेतृत्व में इन आठ राज्यों की टीमों में दो-दो शिल्पी शामिल हैं।
36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में थीम स्टेट के तहत पूर्वोत्तर के आठ राज्यों सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मणीपुर, अरूणाचल प्रदेश तथा मिजोरम के परंपरागत शिल्प उत्पादों में पर्यटक रूचि दिखा रहे हैं। हस्तशिल्प मेला में प्रथम बार इन राज्यों को थीम स्टेट के रूप में एक छत के नीचे लाया गया है। इन राज्यों की टीमों में एक-एक मास्टर ट्रैनर एवं एक-एक शिल्पी को शामिल किया गया है। जो अपनी शिल्पकला का प्रदर्शन कर रहीं हैं।
पूर्वोत्तर पवेलियन में सिक्किम की शिल्पकला टांका, असम की शिल्पकला, मेघालय की ऊन के समान धागे से बनी ऐरी तथा एक्रेलिक के उत्पाद, नागालैंड की शॉल क्यूशन कवर, त्रिपुरा की रिशा, फसरा, वैस्कॉट, मणिपुर के प्योर कॉटन से बने शॉल, मेकला, रनर्स, अरूणाचल प्रदेश के विशेषकर महिला शिल्पकारों व बुनकरों के उत्पाद व मिजोरम के शिल्पकारों के बैग, शॉल, लेडी पर्स, किड्स वियर, पारंपरिक आभूषण आदि उत्पाद भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।