November 16, 2024

गुरुंग समुदाय के लोग जब शहद के लिए लगा देते है जान की बाजी

2 June : मध्य नेपाल का रहने वाला गुरुंग समुदाय शहद के लिए गुस्सैल मधुमक्खियों से भिड़ जाते हैं। ये काम जान जोखिम में डालने वाला है लेकिन शहद के लिए ये हनी हंटर्स किसी भी मुसीबत का सामना करने के लिए तैयार होते हैं। ये हनी हंटर्स हजारों सालों से शहद के लिए ऐसा काम करते आ रहे हैं। बता दें कि ये जिस मधुमक्खी का शहद पाने के लिए जाते हैं वो दुनिया की सबसे बड़ी मधुमक्खी होती है। हनी हंटर्स सिर्फ एक प्रथा के लिए लगाते हैं जान की बाजी…

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शहद की जद्दोजहद गुरुंग समाज की एक प्रथा है। इस समाज के लोग जिस मक्खी के छत्ते से शहद निकालते हैं वो दुनिया की सबसे बड़ी मधुमक्खियां होती हैं। इतना ही नहीं, ये लोग बिना किसी सुरक्षित पहनावे के छत्ता तोड़ने पहुंच जाते हैं। ऊंचाई भी कम नहीं होती… ये हनी हंटर्स हाथ से बनाई गई रस्सी की सीढ़ी से 200 से 300 फीट की ऊंचाई पर चढ़ जाते हैं।

शहद के छत्तों के नीचे धुंआ करके ये मधुमक्खियों को भगाते हैं और उनका दंश गुरुंग लोगों के लिए आम बात है। छत्ता तोड़ने के लिए 8 साल बड़े बांस का इस्तेमाल करते हैं जिसे ‘टंगोस’ कहा जाता है।