Faridabad/Alive News: शनिवार को ग्रीवेंस कमेटी में अभिभावकों द्वारा निजी स्कूलों की मनमानी के मुद्दे उठाया। अभिभावकों के हित में सीएम ने अहम फैंसले लिए, जिसपर अभिभावक एकता मंच ने आभार जताया है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य समस्याओं के समाधान की भी मांग की है।
अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा और प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने सहित अन्य पदाधिकारियों ने पत्र के माध्यम से कहा कि हरियाणा सरकार ने स्कूलों की मनमानी रोकने व स्कूलों के आय व्यय की जांच करने ऑडिट करने के लिए 2014 में प्रत्येक मंडल कमिश्नर की अध्यक्षता में फीस एंड फंड्स रेगुलेटरी कमेटी एफएफआरसी का गठन किया है। आरटीआई में पता चला है कि मंडल कमिश्नर ने आज तक जिले के किसी भी प्राइवेट स्कूल का ऑडिट नहीं किया है।
अभिभावकों द्वारा स्कूलों की मनमानी की गई शिकायत पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है। हरियाणा शिक्षा नियमावली का नियम है कि पहली कक्षा से पहले सिर्फ दो ही प्री प्राथमिक क्लास होनी चाहिए, लेकिन स्कूल प्रबंधकों ने कमाई के चक्कर में प्री नर्सरी, नर्सरी, एलकेजी यूकेजी नाम से 3-4 क्लास बना रखी हैं। सीबीएसई का नियम है कि स्कूल प्रबंधक ट्यूशन फीस के अलावा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए गए फंडों में ही अभिभावकों से फीस ले सकते हैं।
इसके अलावा फीस भी तभी बढ़ा सकते हैं यदि स्कूल ने अपने स्कूल के टीचर व स्टाफ की सैलरी बढ़ाई है और भी बहुत से नियम हैं जिनका स्कूल प्रबंधक उल्लंघन कर रहे हैं। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व लीगल एडवाइजर एडवोकेट बी एस विरदी ने कहा है कि जिस दिन अभिभावक जागरूक व एकजुट होकर बिना किसी डर के स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का खुलकर विरोध करना शुरू कर देंगे उसी दिन से स्कूल प्रबंधकों द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगनी शुरू हो जाएगी।