November 17, 2024

GST विधेयक : जेटली बोले क्रांतिकारी, मोइली बोले- बुरे सपने जैसा होगा यह कदम

New Delhi/Alive News : देश के सबसे बड़े आर्थिक बदलाव GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) विधेयक पर संसद में मैराथन चर्चा की शुरुआत हो चुकी है. केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द जीएसटी लागू करने कि लिए अहम चार विधेयक संसद के सामने रखा है. इस बहस और विधेयकों के पारित होने के बाद केन्द्र सरकार को GST लागू करने का अंतिम मसौदा तैयार करना है.

– लोकसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा करते हुए GST एक क्रांतिकारी बिल है. यह सभी को फायदा पहुंचाएगा
अरुण जेटली ने कहा, अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र को था कुछ का राज्य को, अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी.
– अरुण जेटली बोले- संसद को भी और राज्यों की विधानसभा को गुड्स और सर्विस पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा. GST काउंसिल में 32 राज्यों के प्रतिनिधि हैं.
–GST काउंसिल की 12 बैठकें हुई, ताकि इस पर आपसी सहमति बन सके. हमें यह ध्यान रखना होगा अधिकारों का दुरुपयोग न हो. अरुण जेटली
– संविधान संसोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा तो उसकी व्यवस्था की जाएगी.
-इसका लक्ष्य वस्तु और सेवाओं का बेहतर संचालन सुनिश्चित करता है. राज्य और केंद्र के बीच राजस्व का बंटवारा होगा.
-संसद और राज्य विधानसभाओं को जीएसटी लगाने को अधिकार होगा. और यह कैसे होगा, इसी पर हम काम कर रहे हैं, जिससे कि कोई टकराव ना हो और हम टैक्स का संघीय ढांचा बना सकें.
-वित्तमंत्री जेटली ने चर्चा के लिए जीएसटी से जुड़े चार विधेयक पेश किए हैं. इस पर आज लोकसभा में 7 घंटों की मेराथन चर्चा होगी.
मोइली ने बताया संघीय ढांचे पर बड़ा प्रहार
-वहीं GST बिल पर चर्चा में कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने इस कानून को बेहद कठोर बताया.
-मोइली ने कहा, मुनाफाखोरी पर लगाम कसने के लिए बिल में जिस प्रावधान का जिक्र है, वह बेहद सख्त है.
-आज आपने जो बिल पेश किया, वह कोई गेम चेंजर नहीं बल्कि एक नन्हा कदम है: GST पर मोइली
– यह एक गंभीर मामला है, बस संवैधानिक संशोधन की आड़ न ली जाए.
– मोइली ने कहा, यह देश के संघीय ढांचे पर सबसे बड़ा प्रहार है. राज्यसभा के सभी सदस्यों को इसके खिलाफ इस्तीफा दे देना चाहिए.
– यह कानून तकनीकी रूप से एक दु:स्वप्न जैसा होगा. नए विधेयक के कुछ प्रावधान लाल फीताशाही को बढ़ाएंगे.
– यहां कई टैक्स दरें रखी गई हैं. टैक्स भरने वालों को इससे कोई राहत नहीं मिलेगा.
– यह करदाताओं के खिलाफ कदम होगा. भ्रष्टाचार और उत्पीड़न में इजाफा होगा.
– वित्तीय वर्ष के बीच में नई टैक्स प्रणाली लाने के दुष्परिणाम होंगे.
-GST लागू होने के बाद बढ़ी महंगाई के कारण कई देशों में इसे वापस ले लिया गया.
– इस राज्यों और केंद्र के बीच अराजकता और टकराव वाली स्थिति पैदा होगी- मोइली

बता दें कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को जल्द लागू करने के लिये सरकार इससे जुड़े चार विधेयकों को संसद में पेश कर चुकी है. इन विधेयकों पर बहस के जरिए केन्द्र सरकार जल्द से जल्द देशभर में जीएसटी लागू करने का मसौदा तैयार करेगी. ये चार विधेयक –केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017, एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017, संघ शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017 और वस्तु एवं सेवाकर (राज्यों को मुआवजा) विधेयक 2017 हैं.

गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में इस समय जो जटिल कर प्रणाली है, वह दुनिया की सबसे सरल कर प्रणाली बन जायेगी. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसी सप्ताह जीएसटी से जुड़े चारों विधेयकों के प्रारूप को मंजूरी दे दी थी.