November 20, 2024

मानव रचना में ‘कानून सप्ताह’ का शानदार समापन

Faridabad/Alive News : भारत के संविधान की निडर यात्रा का जश्न मनाने के लिये, मानव रचना यूनिवर्सिटी में कानून विभाग ने 20 से 24 नवंबर, 2017 के बीच फरीदाबाद के अपने परिसर में ‘कानून सप्ताह’ मनाया। प्रख्यात प्रोफेसरों और कानून विशेषज्ञों ने पांच दिवसीय समारोह के दौरान कानून के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। 24 नवंबर को ‘कानून सप्ताह’ का समापन मुख्यातिथि और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस के.जी. बालकृष्णन के हाथों आधिकारिक न्यूज़लेटर के विमोचन के साथ हुआ।

इस अवसर पर फरीदाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी, एमआरआईयू के कुलपति डॉ.एन.सी. वधवा, एमआरईआई के कार्यकारी निदेशक डॉ.वी.के. माहना, एमआरयू की पीवीसी डॉ.मीनाक्षी खुराना, डॉ.जोस वर्गीज़, एमआरयू के सेवामुक्त प्रोफेसर व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे। भारत की संवैधानिक यात्रा, भारत में नवाचार और बौद्धिक संपदा, यूआईडी और गोपनीयता, महिला एवं कानून, कानून और धर्म, वकालत की कला, आपराधिक न्याय वितरण प्रणाली, और कॉर्पोरेट प्रैक्टिस सहित कई पेचीदा विषयों पर विचार-विमर्श कानून के छात्रों के साथ चर्चा की गई। उल्लेखनीय वक्ताओं में हरियाणा के एडिश्नल एडवोकेट जनरल अनिल ग्रोवर, भारतीय कानून संस्थान से प्रो.ऊषा रामनाथन और डॉ.ज्योति सूद, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो.बी.टी. कौल एवं डॉ. अलका चावला शामिल रहे।

समारोह पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और एक कानून प्रश्नोत्तरी से परिपूर्ण था। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के जी बालकृष्णन ने मौलिक अधिकार, संविधानगत विकास और महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि कानून के इन युवा छात्रों के हाथों में देश का भविष्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उभरते हुए वकीलों को खुद को गुमराह होने से बचाने के लिए साहस, दृढ विश्वास और तथ्यों का गहन ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को तथ्यों के ज्ञान मे महारत हासिल कर साहस और सच के सही पथ को तलाशने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि मानवाधिकार भारत में एक प्रासंगिक मुद्दा है। इसलिए, मानव रचना विश्वविद्यालय सरीखे संस्थानों को सम्मान और समानता की प्राप्ति के लिए मानवाधिकार के ज्ञान का प्रसार करना चाहिए।

अपने संबोधन में डॉ. मीनाक्षी खुराना ने कहा कि विधि संकाय में हम अपने छात्रों को कानून और नीति के अत्याधुनिक मुद्दों से अवगत करवाते हैं, जिसमें महिलाओं के अधिकार से लेकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार तक शामिल होता है। हमारा ध्यान एक उत्साहजनक और खुले अकादमिक वातावरण में अभिनव शिक्षण पर रहा है, जहां छात्रों को विशेषज्ञ संकाय के तत्वावधान में तैयार किया गया है। ऐसे समागमों सरीखे कार्य हमारे स्नातक के छात्रों के काम के अनुभव को मजबूत करते हैं और उनमें वो कौशल भरते हैं, जिनकी आवश्यकता उन्हे भारत और विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के लिये होती है।