Varanasi/Alive News : हिंदू धर्म की पढ़ाई के लिए अब छात्रों को किसी विशेष विषय में स्नातक की बाध्यता नहीं होगी. देश में पहली बार काशी हिंदू विश्वविद्यालय ‘हिंदू स्ट्डीस इन MA’ यानी MA में दो वर्ष का हिंदू अध्ययन कोर्स कराने जा रही है.
BHU के भारत अध्ययन केंद्र में शुरू होने वाले इस MA के 40 सीटों के कोर्स में दाखिले के लिए BHU के बाकी की प्रवेश परीक्षा के साथ आवेदन भी शुरू हो गए हैं. आवेदन करने की लास्ट डेट 07 सितंबर है. इस कोर्स में दाखिले के लिए सबसे खास बात यह है कि किसी भी विषय से ग्रेजुएट छात्र प्रवेश परीक्षा पास कर एडमिशन ले सकता है.
यह देश का पहला हिंदू अध्ययन कोर्स माना जा रहा है. इसमें हिंदू की पुरातन विद्या, कौशल, धर्म विज्ञान के विषयों को पढ़ाया जाएगा. इसमें गुरूकुल शिक्षा पद्धति के अलावा प्राचीन शास्त्र का भी अध्ययन शामिल है.
भारत अध्ययन केंद्र के कॉर्डिनेटर प्रो सदाशिव द्विवेदी ने बताया कि भारत अध्ययन केंद्र द्वारा ‘M.A. इन हिंदू स्टडीज’ नाम का पाठ्यक्रम प्रस्तावित किया गया है. इस दो वर्षीय पाठ्यक्रम का विज्ञापन इस बार विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा में भी है.
यह 4 सेमेस्टर का कोर्स है और विश्वविद्यालय ने इसमें 40 सीट निश्चित की हैं. इसके अतिरिक्त जो विश्वविद्यालय के प्रोविजन है, उसके मुताबिक भी प्रवेश होगा. नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए इस पाठ्यक्रम का निर्माण किया गया है. किसी भी सब्जेक्ट से ग्रेजुएट उम्मीदवार इस कोर्स में एडमिशन ले सकता है. प्रवेश परीक्षा के आधार पर बनी मेरिट से एडमिशन दिया जाएगा.
इस कोर्स में 9 अनिवार्य पेपर होंगे जो सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाएंगे. यह सारे 9 अनिवार्य पेपर BHU से बनकर गए हैं जिसको अन्य विश्वविद्यालयों ने भी कंसीडर किया है. इसके अलावा 7 इलेक्टिव पेपर है जिनको सुविधा के अनुरूप पढ़ाया जा सकता है. एक सामान्य प्रारूप में यह पाठ्यक्रम शासन के प्रयास से लागू किया जा रहा है.