New Delhi/Alive News : सीबीएसई पेपर लीक को लेकर घिरी सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा को अब चुस्त-दुरुस्त बनाने का फैसला लिया है। सात सदस्यों की एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो 31 मई तक परीक्षा व्यवस्था को सख्त बनाने और पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी का अध्यक्ष मानव संसाधन विकास मंत्रलय के पूर्व (सेवानिवृत्त) सचिव विनय शील ओबेराय को बनाया गया है।
कमेटी जिन तीन बिंदुओं पर काम करेगी, उसमें परीक्षा प्रश्न पत्रों को बगैर छेड़छाड़ के छात्रों तक पहुंचाना और प्रश्नपत्र तैयार करने की मौजूदा व्यवस्था शामिल है। इसमें प्रश्नपत्र का परिवहन और प्रिंटिंग भी शामिल है। इसको फूलप्रूफ बनाने के अलावा पेपर को तकनीक के माध्यम से और सुरक्षित करने जैसे विषय शामिल हैं।
पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी में जिन प्रमुख लोगों को शामिल किया है, उनमें सीबीएसई के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार, एनसीटीई और एनसीईआरटी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर जेएस राजपूत, इरकान के डायेक्टर प्रोफेसर वसुधा कामत, पूर्व शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश प्रोफेसर कृष्ण मोहन त्रिपाठी, एनआइसी के वरिष्ठ अधिकारी और मानव संसाधन विकास मंत्रलय के स्कूल शिक्षा के संयुक्त सचिव शामिल हैं। हाल ही में पेपर लीक के चलते 12वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा को दोबारा कराने का फैसला लिया गया है।