December 23, 2024

फरीदाबाद, पानीपत और गुरुग्रााम को निर्यात हब बनाएगी सरकार, आजादी के अमृत महोत्‍सव पर बड़ा कदम

Chandigarh/Alive News: देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रही केंद्र सरकार हरियाणा के तीन शहरों को निर्यात हब के रूप में विकसित करेगी। ये शहर हैं गुरुग्रााम, फरीदाबाद और पानीपत हैं। केंद्र सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए देश के 75 जिले चुने हैं।

औद्योगिक क्षेत्र में विशेष पहचान वाले इन जिलों में तीन हरियाणा के हैं जिनमें औद्योेगिक गतिविधियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। फरीदाबाद को वाहनों के उपकरण और इंजीनियरिंग सामान, पानीपत को हस्त निर्मित कारपेट और कपड़ा तथा गुरुग्राम को इंजीनियरिंग सामान और सेवा क्षेत्र (बीपीओ) में निर्यात हब के रूप में तैयार करने के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने निर्यात हब बनाने के लिए जिन औद्योगिक जिलों को शामिल किया है उनमें हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के साथ ही पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के शिमला और सोलन, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कानपुर, गौतमबुद्ध नगर, भदोही, वाराणसी और मुरादाबाद, उत्तराखंड के देहरादून और हरिद्वार तथा पंजाब के जलंधर, लुधियाना और साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) शामिल हैं।

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने चयनित जिलों को औद्योगिक विशेषताओं के आधार पर निर्यात हब बनाने की रणनीति बनाई है। गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत हरियाणा के पुराने औद्योगिक शहर हैं जहां निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार की मदद से न केवल बड़े उद्योगों, बल्कि स्थानीय लघु एवं कुटीर उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन पैकेज देकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाएगा।

जिलों को निर्यात हब के रूप में तैयार करने के लिए केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि नतीजे चाहिए। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर अफसरों की जवाबदेही तय की गई है। उद्योगों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार मिलकर क्लस्टर बनाकर विभिन्न तरह की सुविधाएं मुहैया कराएंगी ताकि निवेशकों को भी लुभाया जा सके। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही प्रदेश सरकार ने अब ‘वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट’ योजना से आगे बढ़ते हुए ब्लाक स्तर पर ‘वन ब्लाक-वन प्रोडक्ट’ योजना को सिरे चढ़ाना शुरू कर दिया है। इससे छोटे उद्योगों को संबल मिलेगा।

सभी खंडाें में 50-50 एकड़ के औद्योगिक क्लस्टर बनाए जाएंगे जिससे स्थानीय लघु उद्योगों को नई पहचान मिलेगी। औद्योगिक क्लस्टर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए सुविधाओं से युक्त वन स्टाप सेंटर होगा जहां पैकेजिंग, शिपिंग आदि की सुविधाएं होंगी। इस तरह छोटे उद्यमी गांव में बनने वाले अपने उत्पादों को आसानी से विदेश में बेच सकेंगे।