Faridabad/Alive News : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ.सुशील गुप्ता ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से धोखा करने वाली हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) संस्था में भर्ती घोटाले की जालसाजी में लिप्त अधिकारियों को हिरासत में लेने में देरी की है। दूसरा सरकार ने इन घोटालों की जांच एसआईटी से ना करवा कर, स्टेट विजिलेंस से करवाकर सारे सबूत मिटाना चाहती है।
प्रदररदर्शिता नोटों की अटैची में बंद मिली। मालूम हो कि पिछले दिनों डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया गया था। यह खुलासा 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था। वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
दूसरा हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का डिप्टी सेक्रेटरी एक करोड़ रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो नेे डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर व असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए। तब अश्विनी ने खुलासा किया था कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया था।
प्रदेश सहप्रभारी ने कहा कि इस फर्जीवाडे की चेन काफी लंबी है। मगर कुछ ही लोगों को पकडकर सरकार ने अपनी खाल बचानी चाही है। अगर सरकार इस मामले की तेजी से जांच शुरू करती तो यह संख्या अधिक हो सकती थी।
उन्होंने सरकार से मांग की भाजपा व जेजेपी सरकार में जितने भी भर्ती घोटाले हुए है, उन सभी की जांच सीबीआई यह एसआईटी से करनी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी जनता के सामने आ सके।