November 17, 2024

सरकार आजीवन के बजाए 10 साल कर सकती है एचटेट प्रमाण पत्रों की वैधता, बैठक में सीएम लेंगे आखिरी फैसला

Chandigarh/Alive News: हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के प्रमाण पत्रों की वैधता ताउम्र करने से हरियाणा सरकार ने इनकार कर दिया है। अब बीच का रास्ता निकालते हुए प्रमाण पत्रों की वैधता 7 की बजाय 10 साल करने के प्रस्ताव के बारे में सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। इस प्रस्ताव को लेकर जल्द ही शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बैठक करेंगे। इस पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री को ही लगानी है। बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ साथ कानूनी विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में ही तय होगा कि एचटेट प्रमाण पत्रों की वैधता कितनी होगी।

मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने 29 सितंबर को प्रमाण पत्रों की वैधता लाइफ टाइम किए जाने का एलान किया था। उस समय शिक्षा मंत्री ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से उनकी बात हो चुकी है और जल्द इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।

हरियाणा में अभी टीजीटी के 7471 पदों पर भर्ती के हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 28 सितंबर को इन पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन सरकार ने इन पदों को वापस ले लिया है। अब नए सिरे से इन पदों को निकाला जाएगा। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही शिक्षा विभाग की ओर से मांग की जाएगी, तुरंत पदों को विज्ञापित कर दिया जाएगा। उनका प्रयास कि दिसंबर से पहले पद विज्ञापित किए जाएं, ताकि 2015 में एचटेट पास को मौका मिल सके।

वर्ष 2015 में एचटेट की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की वैधता 31 दिसंबर 2022 तक है। क्योंकि हरियाणा में पहले एचटेट की वैधता पांच साल थी, लेकिन जून 2020 में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) को सात तक वैध करने के बाद हरियाणा सरकार ने भी इस पर मुहर लगा दी। ऐसे में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा निकाली गई पीजीटी की 4476 में हिस्सा ले सकेंगे। आयोग द्वारा 12 दिसंबर तक आवेदन मांगे हैं और 31 दिसंबर तक उनके प्रमाण पत्र वैध रहेंगे।

तकनीकी और कानूनी अड़चनों का दिया हवाला
अब हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि वह एचटेट की वैधता ताउम्र नहीं करेगी। तकनीकी और कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए सरकार अब ऐलान से पीछे हट रही है। युवाओं की नाराजगी को देखते हुए अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है। अब सात साल के स्थान पर प्रमाण पत्रों की वैधता 10 साल करने का नया प्रस्ताव है। जल्द ही यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने पेश किया जाएगा और वही इस पर अंतिम फैसला लेंगे।