Faridabad/Alive News: हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने प्रेसवार्ता करके कॉलेज से किये गए निष्कासन का विरोध करते हुए कॉलेज प्रशासन, शिक्षा विभाग तथा हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रेसवार्ता का आयोजन पंडित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय के गेट पर किया गया। आज कॉलेज से निलंबन किये हुए करीब 59 दिन हो चुके है।
एनएसयूआई हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ अपना विरोधी मोर्चा खोलते हुए कहा कि 21 अगस्त 2023 को उन्हें कॉलेज से बिना कारण बताये निलंबित कर दिया था। निलंबन किये जब 15 दिन हो गए और कॉलेज प्रशासन ने उनकी कोई सुध नही ली तो उन्होंने 4 सितंबर 2023 को उच्च जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला उपायुक्त फ़रीदाबाद को निलंबन रद्द करने के लिए राज्यपाल हरियाणा, शिक्षा मंत्री हरियाणा, निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग, उपकुलपति एमडीयू के नाम पत्र भेजा। पत्र भेजने के बाद भी जब कार्यवाही नही हुई तो 8 सितंबर को उन्होंने अपनी मेल आईडी से सभी को मेल भी किया। इसके बाद 11 सितंबर को कॉलेज की तरफ से एक पत्र मिला जिसमें 13 सितंबर को कॉलेज में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना था लेकिन उसमें भी उनकी बात ना सुनकर माफी मांगने के लिए कहा गया।
इसके बाद जब 29 सितंबर को एसीएस आनंद मोहन शरण पंडित जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय आये तो उनसे मिलकर निलबंन रद्द करने की मांग की। लेकिन इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने और बेबुनियाद आरोप लगाते हुए 3 अक्टूबर को एक पत्र भेजा जिसमें एसीएस की गाड़ी रोकने समेत अन्य आरोप थे और 4 अक्टूबर को कॉलेज में उपस्थित होकर माफी मांगनी थी। लेकिन उन्होंने माफी नही मांगी तो कॉलेज प्रशासन ने 6 अक्टूबर 2023 को कॉलेज से निष्कासित कर दिया। इसकी शिकायत 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, एसीएस शिक्षा विभाग, निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग, उपकुलपति एमडीयू, जिला उपायुक्त व उच्च जिला शिक्षा अधिकारी फ़रीदाबाद को शिकायत भेजी। इसके बाद 13 अक्टूबर को शिक्षा सदन पंचकूला बुलाया गया लेकिन वहां भी अधिकारियों ने बात को अनसुना करते हुए यह कहते हुए सुनवाई खत्म करदी की आप कोर्ट चले जाओ। अत्री ने कहा कि 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री समेत सभी अधिकारियों को शिकायत करने के बाद जब कोई समाधान नही निकला है तो उन्होंने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कृष्ण अत्री ने कहा कि मेरे निष्कासन में साफ-साफ दिख रहा है कि भाजपा-जजपा के इशारे पर किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री तथा महामहिम राज्यपाल को शिकायत की लेकिन कही सुनवाई नही हुई। उन्होंने कहा कि छात्रहितों में अगर जेल भी जाना पड़ा तो वो जायेंगे लेकिन भाजपा-जजपा सरकार की छात्र एवं युवा विरोधी नीतियों को उजागर करते रहेंगे।