November 22, 2024

हरियाणा में लंपी के बाद ग्लैंडर्स वायरस का कहर, अब तक तीन घोड़ो की हो चुकी है मौत

Chandigarh/Alive News : हरियाणा के बहादुरगढ़ के गांव कानोंदा में ग्लैंडर्स से एक और घोड़ी की मौत हो गई। घोड़ी के बीमार होने की सूचना मिलने पर राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार से वैज्ञानिकों की टीम गांव कानोंदा पहुंची थी। यह टीम जांच के लिए बीमार घोड़ी के स्वैब के सैंपल लेने आई थी, लेकिन टीम के पहुंचने से घंटाभर पहले ही घोड़ी की मौत हो गई।

मिली जानकारी के अनुसार गांव कानोंदा निवासी सुनील की घोड़ी सप्ताह भर से बीमार चल रही थी। सुनील ने अपनी घोड़ी के इलाज के लिए पशु चिकित्सा विभाग को दरखास्त लिख कर दी थी। जिसके बाद स्थानीय राजकीय पशु अस्पताल के चिकित्सक पहुंचे। उन्हें ग्लैंडर्स के लक्षण लगे। इस पर पशु चिकित्साधिकारियों ने घोड़ी के स्वैब के सैंपल लेकर जांच के लिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार भेजे। जांच में रिपोर्ट ग्लैंडर्स पॉजिटिव आई।

इससे पहले इसी माह में सुनील की एक घोड़ी की 8 सितंबर और एक घोड़ी की 17 सितंबर को मौत हो चुकी है। पशुपालन अधिकारियों ने बताया कि उन घोड़ियों के गंभीर बीमार होने की पशु मालिक ने कोई सूचना नहीं दी थी। हिसार से आए अश्व वैज्ञानिकों ने घोड़ी के नाक से स्वैब के सैंपल लिए। आवश्यक कार्रवाई कर मृत घोड़ी को गांव से बाहर खुले स्थान पर जेबीसी से गहरा गड्ढा खुदवाकर दफना दिया गया।

क्या हैं ग्लैंडर्स के लक्षण
ग्लैंडर्स एक खतरनाक संक्रमण है। इंसान में तो इसका इलाज हो जाता है। लेकिन अश्व प्रजाति के पशु नहीं बच पाते। पशुओं में यह लाइलाज बीमारी है। यह खासतौर पर अश्व प्रजाति के पशुओं में लगता है। यह वायरस जानलेवा होता है। ग्लैंडर्स संक्रमित पशु को बुखार रहता है। फेफड़ों में गांठ हो जाती हैं। सांस की नली में अल्सर बन जाते हैं।