May 19, 2024

सतयुग दर्शन विद्यालय में होगा नि:शुल्क अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय संगीत का आयोजन

Faridabad/Alive News : सतयुग दर्शन विद्यालय द्वारा नि:शुल्क अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे कक्षा 3 से लेकर 5वीं तक और कक्षा 8वीं से लेकर 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों और ओपन कैटेगरी में कोई भी प्रतिभागी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। यह प्रतियोगिता शास्त्रीय संगीत एवं देशभक्ति गीतों पर आधारित होगी।

इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य दीपेंद्र कांत ने बताया कि संगीत का मानव जीवन में अहम स्थान है। वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक मानसिक रोगों व व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है संगीत की तीनों धाराएं गायन वादन व नृत्य न केवल स्वर ताल और लय की साधना है। बल्कि एक योगिक क्रिया भी है। इससे शरीर मन और प्राण तीनों में शुद्धता आती है। विद्याथियों के हित हेतु यह प्रतियोगिता आयोजित कराई जा रही है। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी को भाग लेने से पहले दो मिनट का एक विडिओ बनाकर ऑडिनेटर मोबाइल नंबर पर या sursetuonline@gmail.com पर भेजना होगा। जो विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन करेगा और इस प्रतियोगिता को जीतेगा उसे 51000 रुपये की धनरशि से सम्मानित किया जाऐगा।

इस प्रतियोगिता के गायन के निर्णायक मंडल में प्रोफेसर सुचिस्मिता जो कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। पंडित देवेंद्र वर्मा जो शास्त्रीय संगीत के कुशल गायक हैं, कुमार विशु शास्त्रीय संगीत में जिन्होंने एमफिल किया हुआ है, प्रोफेसर हरजिंदर अमन प्रोफेसर रामपाल बंगा दमयूजिक डायरेक्टर, डॉ. मधु शर्मा दअंबाला कैंट, बरेली से डॉ. हितु मिश्रा शामिल होंगे।

इसके अतिरिक्त वाद्य यंत्र के निर्णायक मंडल में आचार्य डॉ. लवली शर्मा, सितारिस्ट द फॉर्मर वाइस चांसलर राजा मानसिंह तोमर यूनिवर्सिटी ग्वालियर, डॉ. प्रशांत गायकवाड प्रसिद्ध दतबला वादक गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, प्रेसिडेंट अवॉर्ड नागपुर, डॉ. संतोष नाहर दवायलिनिस्ट ऑल इंडिया रेडियो मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग दिल्ली, देव ज्योति गुप्ता द प्रसिद्ध सितार प्लेयर मुंबई, डॉ.अंबिका कश्यप द असिस्टेंट प्रोफेसर जीएनजी कॉलेज यमुनानगर, उस्ताद गुलाम अली, द रिनाउंड सारंगी प्लेयर मुंबई महाराष्ट्र नम्रता गायकवाड जो कि सुंदरी एवं शहनाई प्लेयर हैं।

वहीं नृत्य में डॉ. अंजुल शर्मा द कनाडा, रिनाउंड कथक गुरु डॉ. कुलविंदर दीप कौर, दजालंधर मिस भोपाली तंबोली, चेयरपसज़्न झनक नृत्य एकेडमी महाराष्ट्र, डॉ. स्वप्निल दफॉर्मर प्रिंसिपल सैक्रेड हार्ट कॉलेज ऑफ डांस सहनेवाल लुधियाना, डॉ. रश्मिनंदा द रिटायर्ड प्रोफेसर स्वरूप रानी गवर्नमेंट कॉलेज अमृतसर से हैं। इसके अतिरिक्त आर्ट के निर्णायक मंडल में डॉ. चित्रलेखा सिंह दडीन आदि शामिल होंगे।

बता दें, कि सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की संपूर्ण भारत में कई शाखाएं सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के नाम से कार्यरत हैं और सभी शाखाएं प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से मान्यता प्राप्त हैं कुशल अध्यापकों द्वारा शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्रशिक्षा दी जाती है। जिस तरह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक खाने की आवश्यकता पड़ती है। ठीक उसी तरह हमारी आत्मा को स्वस्थ और सकारात्मक रखने के लिए संगीत की आवश्यकता पड़ती है। संगीत का असर हमारे शरीर और मन दोनों पर पड़ता है। संगीत योग की तरह है जो हमें हमेशा खुश रखता है। इसके साथ ही यह हमारे शरीर में हामोज़्न का संतुलन भी बनाये रखता है। संगीत हमारे शरीर को स्वस्थ तथा हमारे मन को शांत बनाये रखता है। अगर आप जीवनभर तनाव से दूर और खुशहाल रहना चाहते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके संगीत से रिश्ता कायम कर