Faridabad/Alive News : देश के दस प्रदूषित शहरों में हरियाणा के चार शहर शामिल रहे। 406 एक्यूआई के साथ दिल्ली (आनंद विहार) सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। प्रदेश का फरीदाबाद 340 एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के साथ दूसरे स्थान पर रहा और यहां की हवा बहुत ही खराब श्रेणी में दर्ज की गई। हरियाणा सरकार की ओर से किए जा रहे तमाम दावों के बावजूद इस बार भी किसान पराली जला रहे हैं। यही हालात रहे तो दिवाली पर दमघोटू प्रदूषण का सामना करना पड़ेगा।
कुछ दिनों से पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक यह आंकड़ा 650 के पार पहुंच गया है। दिवाली पर पटाखे जलाने से प्रदूषण स्तर सबसे बेहद खराब श्रेणी (450 पार) में पहुंचने की आशंका है। पिछले साल 9 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से 450 तक पहुंच गया था, जो खतरनाक स्तर माना जाता है। मानकों के अनुसार, 100 तक एक्यूआई को ठीक माना जाता है और 200 के पार इसके खराब आंका जाता है। ग्रैप (ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान) सख्ती से लागू नहीं होने से एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस मामले में कमान संभाली है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि दिवाली पर सामान्य पटाखों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें और यह तय करें कि केवल ग्रीन पटाखे ही बिकें। साथ ही पराली जलाने के मामलों में और अधिक निगरानी के साथ रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
फरीदाबाद का एक्यूआई पिछले दस दिन में पांच बार सबसे ज्यादा खराब श्रेणी में दर्ज किया जा चुका है। बुधवार को देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा था। जबकि गुरुग्राम (290 एक्यूआई), पानीपत (232), कैथल (225 ) और रोहतक (200 एक्यूआई) के साथ खराब श्रेणी में रहे। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। पंचकूला (94) और करनाल (98) को छोड़कर शेष सभी जिलों का एक्यूआई 100 से अधिक रहा।