निवर्तमान पार्षद को दूसरे स्थान पर कर सकते है पूर्व मंत्री समर्थक
Faridabad/Alive News : एनआईटी विधानसभा में नगर निगम चुनाव को लेकर विधायक और पूर्व मंत्री समर्थकों में तनातनी शुरू हो गई। एक तरफ पूर्व मंत्री शिवचरण लाल शर्मा के समर्थक एनआईटी के सभी वार्डो में अपना पार्षद चुनने के लिए उतार चुके है, वहीं विधायक ने अपना वर्चस्व बचाने के लिए अपने समर्थक प्रत्याशियों को जीत के लिए राजनीतिक दाव पेच देने शुरू कर दिए है। वार्ड-9 में पूर्व मंत्री के प्रत्याशी सुरेन्द्र भड़ाना और विधायक के समर्थक प्रत्याशी निवर्तमान पार्षद महेन्द्र भड़ाना है। ये दोनो प्रत्याशी गुर्जर समाज और गांव नंगला से हंै।
दोनों प्रत्याशियों के प्रति जनता को रूझान को देखते हुए पूर्व मंत्री का प्रत्याशी भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। क्योंकि वार्ड का क्षेत्रफल बड़ा होने के कारण कालोनी और दो गांव मिलाकर प्रवासी लोगों का ज्यादा वोट बैंक है। इस वोट बैंक में कौन-सा प्रत्याशी सेंध लगाऐंगा जीत उसी की संभव होगी। माना यह भी जा रहा है कि वार्ड के परिसीमन बदलने से निवर्तमान पार्षद महेन्द्र भड़ाना को काफी वोटो का नुकसान है जबकि अपने आप को पूरी तैयारी के साथ उतारने वाले नंगला गांव से ही प्रत्याशी सुरेन्द्र भड़ाना वार्ड की कालोनियों में अपनी मजबूत पकड़ के चलते जीत का विश्वास जता रहे है। इनकी जीत में पूर्व मंत्री शिवचरण लाल शर्मा का हाथ माना जा रहा है। इनके अलावा अन्य प्रत्याशी भी मैदान में है लेकिन उनमें अपने मौहल्ले के अलावा भीड़ जुटाने का दम-खम नही है। पाठको को बता दे कि सुरेन्द्र भड़ाना नंगला गांव से अकेले शिवचरण समर्थित प्रत्याशी हैं।
जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में अपने गांव से मंत्री जी को जीत दिलाने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगाया था। इसी आधार को मानते हुए पंडि़त शिवचरण लाल समर्थक कालोनियों से अन्दर खाने सुरेन्द्र भड़ाना के साथ लगे हुए है। दूसरा कारण यह भी माना जा रहा है कि निवर्तमान पार्षद महेन्द्र भड़ाना वर्तमान विधायक नगेन्द्र भड़ाना के समर्थन में विधानसभा में वोट मांग चुके है और क्षेत्र की जनता विधायक की कार्यकुशलता से खुश नहीं है। क्योंकि लोग मूलभुत सुविधाओं को लेकर परेशान है और विधायक का कहीं अता-पता नही है।
क्षेत्र के लोग विधायक को वोट दिलाने वाले निवर्तमान पार्षद महेन्द्र भड़ाना को कोस रहे है। एनआईटी विधानसभा में लोग विधायक के फोन न उठाने और समस्याओं पर काम न होने पर भी रूष्ठ हैं। तीसरा कारण यह भी माना जा सकता है कि भाजपा से आज देश का नागरिक नोटबंदी को लेकर लाईनों में खड़ा है। कहीं बीजेपी का नोटबंदी का दंश महेन्द्र भड़ाना को नगर निगम सदन से दूर न कर दें। वार्ड-9 के लोग पहले से ही पीने के पानी, सीवर व्यवस्था और गंदे पानी की निकासी से परेशान है ऐसे में इसका फायदा पूर्व मंत्री के समर्थक और नगर निगम प्रत्याशियों को मिलना तय है।