Faridabad/Alive News : मंगलवार को वन विभाग की टीम ने खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद अब अरावली में बने अवैध फार्म हाउस में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी है। वन विभाग की टीम ने फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड पर बने विंडसर हिल्स फार्म हाउस को तोड़ दिया। मौके पर किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के बाद भारी पुलिस बल तैनात रही।
सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को खोरी मामले में सुनवाई के दौरान अरावली में बने सभी प्रकार के अवैध निर्माणों को तोड़ने के आदेश दिए थे। मिली जानकारी के अनुसार आदेश के दायरे में शिक्षण संस्थान, होटल, फार्म हाउस, दो कॉलोनियां व कई सोसाइटियां आ रही हैं। तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू होने से संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं इनमें से काफी ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से सीएलयू और वन विभाग से एनओसी ली हुई है।
वहीं कुछ ने सीएलयू के लिए नगर निगम में आवेदन किया है। इन सभी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 20 अगस्त तक का समय दिया है। अब सरकार मंथन कर रही है कि आगे क्या करना है। दूसरी तरफ, वन विभाग द्वारा अरावली में अवैध निर्माणों का ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। पहले यहां अवैध निर्माणों की संख्या 140 बताई जा रही थी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि यह संख्या कहीं अधिक है। फार्म हाउस संचालक के पास सीएलयू व एनओसी नहीं थी। उन्होंने बताया कि अभी जांच की जा रही है कि ऐसे और कितने फार्म हाउस हैं। जल्द उन्हें भी तोड़ा जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए), 1900 की धारा 4 और 5 के तहत अधिसूचित भूमि पर गैर वानिकी गतिविधियों, अनधिकृत निर्माण किया गया है। इनमें मेवला महाराजपुर, अंखीर, बड़खल, अनंगपुर, लकड़पुर, भांखरी, पाली, धौज, मांगर, सिलाखड़ी, कोट और सिरोही, खोरी जमालपुर, गोठड़ा मोहत्ताबाद के पीएलपीए 1900 के तहत अधिसूचित क्षेत्र में फार्म हाउस और अनधिकृत निर्माण हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पेशल लीव टू अपील (सी) नंबर (एस) 7220-7221-2017 में नगर निगम फरीदाबाद बनाम खोरी गांव रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के मामले में गए। सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र से सभी अनधिकृत निर्माणों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
इस सार्वजनिक नोटिस द्वारा वन भूमि से समस्त निर्माण अनधिकृत उपयोग को हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं। यदि वन भूमि में संचालित किसी गैर वानिकी गतिविधि या संरचना के निर्माण के लिए किसी सरकारी विभाग एजेंसी से अनुमति प्राप्त की गई तो ऐसे प्रपत्र को नोटिस अवधि के भीतर इस कार्यालय के संज्ञान में लाया जाए। पांच दिनों में अवैध निर्माण नहीं हटाए तो वन विभाग द्वारा तोड़ दिया जाएगा। इस दौरान मशीनरी पर आने वाला खर्च भी अवैध निर्माण करने वालों से वसूला जाएगा।