New Delhi/Alive News: भारत में अपना परिसर स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालय ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा माध्यम से फुल टाइम कोर्स नहीं चला सकेंगे। उन्हें ऑफलाइन कक्षा के जरिए पूर्णकालिक कार्यक्रम ही चलाना होगा। साथ ही अपना केंपस स्थापित करने के लिए तय मानकों के तहत यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने गुरुवार को विनिमय और संचालन संबंधी प्रावधानों की घोषणा की। मसौदे पर सुझाव आपत्ति के बाद नियमों की घोषणा इस महीने के अंत तक की जाएगी। यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने बताया कि विदेशी विश्वविद्यालय को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए शुरू में 10 साल के लिए मंजूरी दी जाएगी।
वही, दाखिले संबंधी नीति निर्धारण के लिए निर्णय विदेशी विश्वविद्यालय खुद करेंगे। इसमें यूजीसी की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था हो सकती है। जैसा कि विदेशों में विश्वविद्यालयों में होता है। देश में परिसर खोलने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को दाखिला प्रक्रिया और फीस ढांचा तय करने की छूट होगी।