November 7, 2024

गर्मी में अस्थमा की समस्या बढ़ाने वाले पांच कारण

Health News: गर्मी में गर्म हवाओं के साथ आने वाले धूलकण अस्थमा रोगियों की सांसें मंद कर रहे हैं। हालांकि, अस्थमा रोगियों के बढ़ने की वजह वाहनों और औद्योगिक इकाइयों से होने वाला वायु प्रदूषण भी है। मौसम में बढ़ी गर्मी के साथ ही अस्थमा (दमा) ने अब अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हवा के साथ धूल और प्रदूषण ने अस्थमा रोगियों के लिए दिक्कत खड़ी कर दी है।


क्या है अस्थमा

अस्थमा में श्वसन नलिकाएं प्रभावित होती हैं। ये नलिकाएं फेफड़ों से हवा को अंदर-बाहर करने का काम करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे नलिकाएं संकरी व संवेदनशील हो जाती हैं और सांस लेने पर कम हवा फेफड़ों तक पहुंचती है। ऐसे में यदि धूल व प्रदूषण के कण नलिकाओं तक पहुंचते हैं, तो बेचैनी महसूस होती है। दम घुटने-सा अनुभव होता है। दौरा पड़ने पर नलिकाएं बंद हो जाती हैं। यह रोग एलर्जी के कारण बढ़ जाता है। व्यक्ति अस्थमा का शिकार मुख्य रूप से हवा के माध्यम से होता है। अस्थमा के अटैक होने से मरीज को सांस लेने में परेशानी ज्यादा होती है। यह अटैक कुछ समय से लेकर घंटों तक रह सकता है। अस्थमा के अटैक यदि लंबा हो तो व्यक्ति की जान तक चली जाती है।
अस्थमा का शिकार कोई भी व्यक्ति हो सकता है। आइए जानें किन कारणों से गर्मियों में यह समस्या बढ़ जाती है।

सर्द-गर्म की समस्या
गर्मी और ठंड दोनों मौसम में अस्थमा के शिकार व्यक्ति हो सकता है। इस मौसम में एयर कंडीशन या अन्य माध्यम से व्यक्ति गर्म से एकाएक ठंड या ठंड से एकाएक गर्म मे जाने से एलर्जी होती है।

धूल व प्रदूषण
वहीं इस मौसम में धूल ज्यादा उड़ती है। इससे भी एलर्जी होने के साथ-साथ व्यक्ति अस्थमा का शिकार हो जाता है। इस रोग के शिकार बच्चे ज्यादा जल्दी हो जाते हैं। बढ़ रहा प्रदूषण नए बालकों को इसका शिकार बना रहा है। समय पर और नियमित उपचार व परहेज करने पर इसके असर को नियंत्रित कर सकते हैं।

मौसम में बदलाव
बरसात आते ही अस्थमा के मरीजों में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा हो जाता है। डॉक्टर के अनुसार ऐसा मौसम बदलने के कारण हो सकता है। दरअसल अस्थमा का कारण इंफेक्शन भी होता है।

संक्रमण
अक्सर पल्यूशन या अन्य कारणों से व्यक्ति के गले व नाक में इंफेक्शन हो जाता है, जिस कारण वह सांस ठीक से नहीं ले पाता। ऐसी स्थिति में अस्थमा मरीजों को सामान्य व्यक्ति के मुकाबले सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होती है।

बाहर से आकर ठंडी चीजें खा लेना
बाहर धूप से घर आने पर बच्चे अक्सर ठंडा पानी पी लेते हैं ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, बर्फ के गोले व अन्य चीजें खा लेते हैं। गर्मी में ठंडी चीजों की वजह से बच्चों में खांसी, कफ व गले का इंफेक्शन ज्यादा हो रहा है। सामान्य बच्चों की अपेक्षा अस्थमा पेशंट को इंफेक्शन होने पर सांस लेने में बेहद दिक्कत आने लगती है दिन में कई बार स्प्रे का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस समय अगर अस्थमा बढ़ गया, तो बारिश आने पर ज्यादा समस्या हो सकती है।

बचाव
बच्चों को गर्मी से बचाएं।
धूप से आने पर तुरंत ठंडी चीजें न दें।
इंफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
अस्थमा की दवाएं हमेशा साथ लेकर चलें।
इमर्जेंसी दवाएं भी साथ रखें।