Faridabad/New Delhi/Alive News : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने इसबार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी है। वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख की है।
इसके अलावा महिला सम्मान सेविंग पत्र, पीएम कौशल विकास योजना 4.0 लॉन्च, पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए राशि, केवाईसी की प्रक्रिया आसान की जाएगी, डिजिलॉकर के इस्तेमाल को बढ़ाया जाएगा, पहचान पत्र के तौर पर पैन मान्य होगा, एकीकृत फाइलिंग प्रक्रिया को शुरू किया जायगा, ग्रीन ग्रोथ पर भी सरकार का जोर रहेगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रेलवे को बड़ा बूस्ट देने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी, पीएम आवास योजना का खर्च बढ़ाया गया, 2027 तक एनीमिया खत्म करने का लक्ष्य रखा गया, न्यू फॉर्मा प्रोग्राम के तहत मेडिकल उपकरण बनाने वाले कोर्स शुरू किए जाएंगे, सरकार की सप्तऋषि योजना में (इन्क्लूसिव डिवेलपमेंट, डिजिटल इंफ्रा फॉर एग्रीकल्चर, श्री अन्न को भारत को बड़ा हब बनाने की कोशिश) और रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर काम होगा इत्यादि प्रतिबद्धता की। आम चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है। जानिए, बजट में विस्तार से…
जानिए, किस को कहा तक टैक्स में मिली छूट
अब ₹7 लाख तक है सालभर की कमाई तो नहीं देना होगा इनकम टैक्स, नई व्यवस्था में बढ़ा छूट का दायरा, लंबे समय बाद इस बार मिडल क्लास को बजट से राहत मिली है। अब नई टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया है। यानी जिसका एनुअल इनकम 7 लाख रुपये तक है, उन्हें इनकम टैक्स नहीं देना होगा। पहले यह सीमा 5 लाख रुपये की थी। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में गरीबों के लिए घर बजाने की योजना को भी पंख दिए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस बार बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के बजट को 66% बढ़ा दिया गया है। सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट (Last Full Budget Of Modi 2.0) पेश किया। उन्होंने बताया कि इस बार के बजट के सात आधार हैं जिन्हें सप्तर्षि (Saptarshi Of Budget 2023) के तौर पर पेश किया गया है। अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी पूर्ण बजट है, इसलिए इस बार के बजट (Budget 2023 Expectations) में गरीब तबकों, आदिवासी समुदाय, मछलीपालकों, किसानों पर फोकस रखा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट (Budget 2023) में वेतनभोगियों के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ-साथ बड़ी टैक्स छूट की घोषणा कर दी है। अब 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा पुराने 7 टैक्स स्लैब को घटाकर अब 5 कर दिया गया है। हालांकि, नई टैक्स व्यवस्था में एक झोल भी है। 7 लाख तक की आमदनी तक तो टैक्स नहीं देना है लेकिन उसके बाद की राशि को लेकर गफलत है। दरअसल, वित्त मंत्री ने अपने भाषण में साफ-साफ कहा कि नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन उन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था को भी लागू रखा है और यहां टैक्स छूट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अभी तक पुराने और नई टैक्स व्यवस्था में 5 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होता है। वित्त मंत्री ने कहा कि नई टैक्स व्यवस्था में इस छूट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख तक किया जाता है। नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख तक की आय वाले लोगों को शून्य टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने इसके साथ ही पुरानी टैक्स व्यवस्था में भी बदलाव की घोषणा कर दी है।
अब समझिए कहां है झोल
इधर अब नई टैक्स व्यवस्था ही बाई डिफॉल्ट इनकम टैक्स भरते वक्त आपके सामने आएगी। हालांकि, आयकर दाता को ये छूट होगी कि वो पुरानी टैक्स व्यवस्था भी चुन सकते हैं। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स के 7 स्लैब को घटाकर 5 कर दिया है। लेकिन यहां आपको बता दें कि नई टैक्स व्यवस्था में आप 80C के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं ले सकते हैं।
7 लाख से ज्यादा इनकम तो टैक्स स्ट्रक्चर
इनकम | टैक्स |
0-3 लाख | कोई टैक्स नहीं |
3-6 लाख | 5% |
6-9 लाख | 10% |
9-12 लाख | 15% |
12-15 लाख | 20% |
15 लाख से ऊपर | 30% |
अब समझिए पूरा समीकरण
नई टैक्स व्यवस्था में जिसकी आमदनी 7 लाख तक है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर आपकी इनकम 7 लाख से एक रुपये भी ज्यादा है तो आपको 3 लाख तक तो कोई टैक्स नहीं देंगे। फिर इसके बाद बाकी के 4 लाख रुपये पर आपको 5 फीसदी टैक्स देना होगा। यानी आप पहले वाले टैक्स स्लैब में आ जाएंगे। इसे ऐसे समझिए। 7 लाख से ज्यादा आय हुई तो आपको 6 लाख तक 15 हजार रुपये टैक्स देना होगा। यानी आप 5 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आएंगे। फिर 9 लाख तक आपकी आमदनी है तो आपको 45 हजार रुपये टैक्स देने होंगे। 12 लाख तक आमदनी वाले को 90 हजार का टैक्स देना होगा। 15 लाख से ज्यादा आमदनी है तो 1.50 लाख टैक्स देना होगा। 15 लाख से ज्यादा आमदनी है तो 1.5 लाख के अलावा बाकी आय का 30% टैक्स देना होगा।
बजट किस को रास आया और किस को नही, पढ़िए
आज जब मिलेट्स पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है तो उसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों के नसीब में है। अब इस सुपर फूड को श्री अन्न के नाम से एक नई पहचान दी गई है। श्री अन्न से हमारे छोटे किसानों और किसानी करने वाले आदिवासी भाई-बहनों को आर्थिक सबल मिलेगा
–पीएम नरेंद्र मोदी
वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400% से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी के लिए आय के नए अवसर पैदा करेगा
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ये बजट, सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। सरकार ने को-ऑपरेटिव सेक्टर में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है। बजट में नए प्राइमरी को-ऑपरेटिव्स बनाने की एक महत्वकांक्षी योजना का भी ऐलान हुआ है
–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है
–सपा सांसद डिंपल यादव, दिल्ली
देश इस बजट में पहली बार अनेक प्रोत्साहन योजना लेकर आई है। ऐसे लोगों के लिए ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी, क्रेडिट, और मार्केट सपोर्ट की व्यवस्था की गई है। पीएम-विकास से हमारे करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। गांव से लेकर शहर तक में रहने वाली हमारी महिलाओं के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं, उन्हें अब और ताकत के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। ये बजट वंचितों को वरीयता देता है। ये बजट आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा।
–प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है
-सांसद मनोज झा, राष्ट्रीय जनता दल
अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है
-मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री हरियाणा
बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है…टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है
-कार्ति चिदंबरम, कांग्रेस सांसद, दिल्ली
बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा।
-जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली
50 एयरपोर्ट्स, हेलिपोर्ट्स, वॉटर एयरोड्रॉम्स और एडवांस्ड लैंडिंग जोन्स का कायाकल्प किया जाएगा। निजी स्रोतों से 15,000 करोड़ रुपये सहित कुल 75,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्टील, बंदरगाहों, उर्वरक, कोयला, खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए 100 महत्वपूर्ण परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान की गई है।
-निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
पूंजी निवेश परिव्यय (Capital investment outlay) 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% होगा। महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी। संविदागत विवादो के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी।
-निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री