Palwal/Alive News : डॉ. ब्रह्म्दीप ने बताया कि हमारे जिला पलवल में 3 मलेरिया के केस और 6 डेंगू के केस मिले हैं। उन्होंने जानकारी दी कि सरकारी हॉस्पिटल से इलाज लेने के बाद यह सारे केस पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इन मरीजों के घर के आसपास और मोहल्ले में एंटी लारवा एक्टिविटी करवा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की 10 टीमें शुक्रवार से मलेरिया व डेंगू के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कुल 858 घर कवर कर लिए गए हैं और इनमें से 32 केस बुखार के मिले। सभी की जांच करी गई तो सभी लोग नेगेटिव पाए गए।
उन्होंने आगे बताया कि गांव सौंध में आईआरएस की 2 टीमें काम कर रही है और गांव सौंध में फागिंग एक्टिविटी शुरू करा दी गई है। गांव सौंध में ओपीडी की सुविधा आरंभ करा दी गई है जो बुखार के केस मिले है उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही दवाई दी जा रही है। एसएमओ सौंध को सख्त निर्देश दिए हैं कि गाँव सौंध में पूरी तरह से फागिंग की जाए व साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए।
उन्होंने बताया कि कि कोविड-19 की बीमारी से बचाव के साथ-साथ मलेरिया व डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर मच्छर के लार्वा की जांच कर रही है और साथ में लोगो को सामजिक दूरी व मास्क का प्रयोग करने के लिए बार-बार प्रेरित कर रही है। बुखार आने पर मलेरिया, डेंगू व कोविड-19 की जांच के लिए लोगो को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ-साथ सभी टीम बुखार के सभी मरीजो की मलेरिया जांच कर रही है।
सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब तक जिले के घरों में मलेरिया व डेंगू का लार्वा पाया जाने पर 4616 हिदायत संबंधी नोटिस दिए गए है, क्योंकि बारिश होने के बाद मच्छरो से फैलने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। बारिश का पानी जहां भी जमा हो जाता है वहां पर मलेरिया व डेंगू फैलाने वाले मच्छर अंडे देना शुरू कर देते है, जिससे मच्छरों की ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है और बीमारी फैलने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए समुदाय में लोग अपने घरो, दफ्तरों के आप-पास पानी एकत्रित न होने दे। अगर पानी के निकास की सुविधा न हो तो उसमे काला तेल डाल दे, जिससे मच्छर का लार्वा व अंडे समाप्त हो जाए।
उन्होंने सभी आमजन से सप्ताह में प्रत्येक रविवार को समुदाय में ड्राई-डे मनाने के लिए अपील की है, जिसके दौरान घरो मे रखे कूलर व छतो पर रखी टंकियो को रगडकऱ साफ करे व पीने के पानी को ढककर रखे व फ्रिज की ट्रे को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करें। अगर साफ करना संभव न हो तो उसमे सरसों का तेल व एक ढक्कन पेट्रोल भी डाल सकते है, जिससे बीमारी फैलाने वाले मच्छर का लार्वा मर जाए।
जिला पलवल मे अर्बन मलेरिया विभाग की टीम डेंगू व मलेरिया के बचाव के लिए लगातार कार्य कर रही है। जिले में 15 सितम्बर 2021 तक एक लाख 39 रक्त के नमूने लिए जा चुके हैं, जिनमे होडल ब्लॉक से केवल दो मलेरिया के मरीज निकले है और एक मरीज जिला मेवात से जांच होकर हथीन ब्लॉक के मठेपुर गांव से पाया गया है, जोकि 7 महीने की गर्भवती महिला है, जिसका इलाज किया जा चुका है। अब वह बिल्कुल ठीक है।
अब तक वर्ष 2021 मे डेंगू के तीन मामले सामने आए हैं, जिसका इलाज हो चुका है। वे भी अब ठीक है। फिर भी जिला का स्वास्थ्य विभाग डेंगू को लेकर पूरी तरह से मुस्तैदी के साथ अपने कार्य मे लगा हुआ है।
उन्होंने बताया कि जिला पलवल मे डेंगू के लार्वा की जांच के लिए पिछले महीने तक 3 लाख 31 हजार 743 से ज्यादा घरो मे जांच हो चुकी है, जिनमे घरो के कूलर, टंकी, हौदियो, फ्रिज की जांच की जा चुकी है। जिले में अब तक जिन घरो मे लार्वा मिला है, उनमें साफ-सफाई सम्बन्धी लार्वा को हटाने के लिए चेतावनी देते हुए 4 हजार 616 घरो में नोटिस दिए जा चुके हैं और अगर भविष्य मे इन घरो मे दोबारा लार्वा मिलता है या पाया जाता है तो इनका चालान भी किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि जिले मे डेंगू संभावित क्षेत्रो की सूची तैयार कर ली गई है, जिनमे स्वास्थ्य विभाग की टीमो द्वारा एंटी लार्वा संबंधित जरूरी एक्टिविटीज करवाई जा रही है, जिसके तहत एक सघन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पानी ठहरेगा जहां, मच्छर पनपेगा वहां।
डेंगू मच्छर के स्त्रोतों में (सोर्सरिडक्शन) कमी करने के उपाय-
जो वस्तुयें अब आपके काम की नहीं है जैसे टूटे-फूटे बर्तन, प्रयोग हो चुके प्लास्टिक के कप-प्लेट, डिब्बा-डिब्बी, पुराने टायर आदि। उपाय- कबाड़ी को बस्ती से 200 मीटर की दूरी पर कहीं जमीन के भराव में दबा दें जब तक ना हो सके तब तक उल्टा करके रखें या छत अथवा टीन शेड के नीचे रखें। जो वस्तुएं काम आती है यानी जिन्हें फेंका या नष्ट नहीं किया जा सकता-