Ambala/Alive News : मेरी पसंद मेरी साइकिल योजना के तहत जिले के ज्यादातर विद्यार्थियों को पहले दिन पसंद की साइकिल नसीब नहीं हुई। इक्का-दुक्का विद्यार्थियों को छोड़कर ज्यादातर को मन मसोस कर साइकिल खरीदनी पड़ी। क्योंकि सरकार ने जो रेट इन साइकिलों के लिए तय किए थे उतने रेट की साइकिल मेले में एक भी नहीं पहुंची।
कम से कम साइकिल मेले में 3400 रुपये की साइकिल लेकर डीलर पहुंचे थे। इस तरह पसंद की साइकिल तो दूर की बात सिंपल साइकिल के न्यूनतम रेट ही 3400 रुपये थे। ऐसे में अब कम से कम प्रत्येक छात्र को कम से कम 600 रुपये अपनी जेब से वहन करने पड़ेंगे। इसका कई परिजनों ने विरोध भी किया लेकिन किसी की कोई सुनने वाला नहीं था।
दरअसल प्रदेश सरकार ने पहली बार मेरी साइकिल मेरी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत की है। योजना के तहत जिले के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के उन विद्यार्थियों को पसंद की साइकिल निशुल्क दिलानी थी जोकि दो किलोमीटर दूर से आते हैं और उनके एरिया में कोई दूसरा सरकारी स्कूल नहीं है। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए रविवार से राजकीय कन्या पुलिस लाइन स्कूल में साइकिल मेले का आयोजन किया गया। इसमें तीन डीलर पहुंचे थे। लेकिन इनके पास 3400 रुपये से कम कोई भी साइकिल थी ही नहीं। बता दें कि छठी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए यह मेला 5 मार्च और 9वीं के विद्यार्थियों के लिए 6 मार्च को लगाया जाना है। मेले में एसडीएम सतेंद्र सिवाच भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे। वहीं डिप्टी डायरेक्टर शिक्षा विभाग सावित्री सिहाग की विशेष ड्यूटी निदेशालय ने मेले के लिए लगाई थी।
11वीं के 398 बच्चे पाए गए पहले दिन योग्य
साइकिल मेले में करीब 624 विद्यार्थी पहुंचे लेकिन इनमें से 398 ही योग्य पाए गए जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया। अब इन सभी को कम से कम 600 रुपये साइकिल लेने के लिए देने होंगे। सभी के माता-पिता से भी लिखित में लिया गया कि शेष राशि वह खुद वहन करेंगे।
सरकार ने जो रेट निर्धारित किए थे उतनी राशि बच्चों को दे दी जाएगी। शेष राशि बच्चे खुद वहन करेंगे। करीब 398 विद्यार्थी 11वीं कक्षा के मेले में योग्य पाए गए थे। 3400 रुपये की न्यूनतम साइकिल मेले में उपलब्ध थी। सरकार 20 ईंच की साइकिल के लिए 2575 और 22 ईंच की साइकिल के लिए 2975 रुपये देगी। इसमें 7 फीसदी जीएसटी अलग से दिया जाएगा-उमा शर्मा, डीईओ।
इस तरह तय किए थे रेट 120 ईंच की साइकिल के लिए 2575 और 22 ईंच की साइकिल के लिए 2775 रुपये सरकार ने रेट निर्धारित किया। साथ ही 7 फीसद जीएसटी अलग से तय किया गया। लेकिन मेले में इस रेट की कोई साइकिल ही नहीं पहुंची। एक छात्र ने 5600 रुपये की साइकिल खरीदी उसके पिता ने कहा कि शेष राशि वह खुद वहन करेंगे। क्योंकि वह इसमें सक्षम हैं।
क्यों मंगाई स्कूलों से कुटेशन
जब सरकार को इस तरह आयोजन कर साइकिल खरीदारी करनी थी तो सभी स्कूलों से कुटेशन क्यों मंगाई गई। बता दें कि मेरी साइकिल मेरी पसंद के तहत जिलेभर के सभी स्कूलों से कुटेशन मंगवाई गई थी।