Palwal/Alive News : उपायुक्त कृष्ण कुमार ने पराली प्रबंधन के लिए जिले के कृषको से अपील की है कि कृषक धान अवशेषो को न जलाएं, क्योंकि पराली जलाने से मानवीय स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है तथा मनुष्यों विशेषकर बच्चे व बुजुर्गो को सांस लेने में परेशानी होती है। पराली जलाने से भूमि की ऊर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है, भूमि के मित्र कीट नष्ट हो जाते है। भूमि की आद्रता कम हो जाती है। साथ ही साथ पराली जलाने से उत्पन्न धुंए से सड़क दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है तथा वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. महावीर सिंह ने बताया कि प्रदूषण के प्रभाव को शून्य करने के लिए उपायुक्त कृष्ण कुमार व विभाग के दिशा-निर्देशानुसार जिले के करीब 100 गांवो के स्कूलो में पराली न जलाने के लिए किसान जागरूकता रैली विभाग द्वारा निकाली गई। इस जागरूकता रैली के द्वारा किसानो को पराली जलाने से मानव स्वास्थ्य व भूमि पर होने वाले दुस्प्रभाव के बारे में जागरूक किया गया। पराली न जलाने से मानव स्वास्थ्य तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के बारे में बताया गया।
उन्होंने उच्चतम न्यायलय के दिशा-निर्देशानुसार किसानों से अपील की कि अगले 15 दिन तक पराली न जलाएं, ताकि इससे होने वाले दुष्प्रभावो से मानव स्वास्थ्य व भूमि उर्वरा शाक्ति को बचाया जा सके। इन रैलियों के प्रति किसानो व ग्रामीणो का सकारात्मक सहयोग नजर आया तथा किसान व ग्रामीण इन जागरूकता रैलीयों से काफी प्रभावित नजर आए। उन्होंने कृषकों से पुन: आग्रह किया है कि वे पराली, कड़ा व फसल अवशेषों को न जलाकर मानव कल्याण हित व देश हित में अपना अहम योगदान दे