Lucknow/Alive News : भले ही पीएम ने यूपी और पंजाब के चुनावों को देखते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। लेकिन किसान अपने आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है। हालांकि, किसानों ने कल भी हरियाणा में किसान रैली को लेकर कई एहम फैसले लिए थे। लेकिन आज किसान लखनऊ में महापंचायत करने वाले है। जिसमें किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति तय करेंगे। इस आंदोलन में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकतर पदाधिकारी शामिल हो सकते है।
प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून पार्लियामेंट में निरस्त नहीं कर देते किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे।वहीं टिकैत ने एमएसपी पर भी गारंटी कानून बनाने की शर्त रखी है। महापंचायत में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की तैयारी है। लखनऊ के ईको गार्डन में 22 नवंबर को महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की कवायद की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार महापंचायत में इस पर स्थिति साफ की जा सकती है कि 26 को संसद की तरफ ट्रैक्टर कूच होगा या फिर इस आंदोलन को और स्थानों पर भी चलाया जाएगा। तिकुनिया प्रकरण के बाद किसान मोर्चा लगातार पूर्वांचल में सक्रिय है। इसका असर लखनऊ पंचायत में भी देखने को मिलेगा और काफी भीड़ आने की बात की जा रही है।किसानों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने बढ़िया कदम उठाया है लेकिन उसमें अभी स्वागत वाली कोई बात नहीं है। साथ ही 29 नवंबर तक तय सभी कार्यक्रम पहले ही तरह चलाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए किसान मोर्चा कमर कसकर तैयार है। हालांकि इस बीच 27 नवंबर को फिर मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें तब तक के हालातों को देखकर आगे का निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले 26 नवंबर तक सभी मोर्चों पर भीड़ जुटाने के साथ 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत भी आयोजित की जाएगी।