Faridabad/Alive News: रविवार की शाम को सेक्टर- 88 स्थित एसआरएस रेजीडेंसी सोसायटी में 11 साल की एक बच्ची लिफ्ट में फस गई। इस दौरान बच्ची काफी घबरा गई और रोने लगी। स्नेहा श्रीवास्तव सोसायटी के फस्ट फ्लोर पर लिफ्ट में ढाई घंटे तक फंसी रही। वह रोते हुए बाहर निकालने की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी। जब सोसायटी के लोगों ने बच्ची को बाहर निकाला तो बच्ची बहुत डरी हुई थी और उल्टी करने लगी। इस संबंध में स्नेहा श्रीवास्तव की मां अचला श्रीवास्तव ने टॉवर मेनेजर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वही, दूसरा मामला आरपीएस पाम सोसायटी का है। यहां भी 13 साल के दो बच्चे मॉल की लिफ्ट में दूसरी मंजिल पर फंस गए। हालांकि, बच्चों को 8 मिनट बाद ही गेट खोलकर बाहर निकाल लिया गया, लेकिन गेट खोलने की कोशिश में रिधान सिंह के हाथों में चोट लग गई।
दरअसल, एसआरएस रेजीडेंसी सोसायटी में सैकड़ों परिवार रहते है। अचला श्रीवास्तव के मुताबिक वह सी 7 टावर में चौथे फ्लोर पर रहती है। वह दिल्ली सीडब्ल्यूसी में कार्यरत है। उनकी बेटी स्नेहा श्रीवास्तव डीपीएस
स्कूल में छठीं कक्षा में पढ़ती है। वह सोसायटी के ही सी 9 टावर में ट्यूशन पढ़ने जाती है। बच्ची की छुट्टी पौने छह बजे होती है और स्नेहा को घर पहुंचने में केवल 5 मिनट लगता है, लेकिन कल बच्ची सात बजे तक घर नहीं लौटी तो उन्होंने सोसायटी में रहने वाले रिश्तेदारों से पूछताछ शुरू की। जब बच्ची नहीं मिली तो उन्होंने लिफ्ट में बच्ची को खोजा, वहां बच्ची
लिफ्ट में बंद मिली।
परिजनों ने इसकी जानकारी सोसायटी ग्रुप में डाली और
सोसायटी में तैनात सिक्योरिटी गार्ड से लिफ्ट खोलने की गुहार लगाई, लेकिन गार्ड 7 बजे घर चला गया। जिसके बाद सोसायटी के लोगों ने गेट कडी मशक्कत के बाद गेट को तिरछा खोलकर बच्ची को खींचकर बाहर निकाला। इसके अलावा अचला श्रीवास्तव ने बताया कि यह सोसायटी आरडब्ल्यूए के अंडर है। सोसायटी के लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरे लगे है, लेकिन कंट्रोल रूम से नही जोडे गए है। लिफ्ट की हालत भी काफी खराब है। इसमें अक्सर सोसायटी के लोग फसते है। हालांकि, इस संबंध में शाम को आरडब्लूए, रेजिडेंट और टावर मैनेजर की मीटिंग होनी है।
वहीं, इस संबंध में आरपीएस पाम की चारू सिंह व आरडब्ल्यूए प्रधान इंदिरा कोठारी और एसआरएस रेजीडेंसी सोसायटी के विकास श्रीवास्तव व रूपा सिंह ने बताया कि सोसायटी में लिफ्ट अटक तो आम बात हो गई है। इन लिफ्टों में कई बार घर में काम करने आने वाली मेड भी फस चुकी है, लेकिन ढाई घंटे तक लिफ्ट में बच्ची का फसा रहना बहुत बड़ी बात है। इस समय बच्ची की हालत स्थिर है, लेकिन बच्ची काफी डरी हुई है। वह लिफ्ट में जाने से डर रही है। सुबह से फ्लैट से बाहर नहीं निकली है। लोग कई बार इसकी शिकायत आरडब्ल्यूए और टावर मैनेजर से कर चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं करता। कल टावर मैनेजर से लोगों की काफी बहस भी हुई है। सभी बड़ी सोसायटियों में लगे लिफ्ट हादसों को न्यौता दे रहे है।
क्या कहना है आरडब्ल्यूए प्रधान का
इस संबंध में एसआरएस रेजीडेंसी सोसायटी के आरडब्ल्यूए प्रधान विजय जसूजा और टावर मैनेजर से संपर्क करने की कोशिश की और व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।