Faridabad/Alive News : हरियाणा के मुख्यमंत्री को धमकी मिलने के बाद से पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक बढ़ा दी गयी है। मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को यह धमकी प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ ) की ओर से दी गयी है। वहीं शहर में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने के कारण सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खुफिया एजेंसियों की चप्पे-चप्पे पर नजर है। मुख्यमंत्री के छोटे भाई का देहांत हो जाने के कारण कार्यक्रम में बदलाव की भी चर्चा थी, लेकिन दोपहर तक सभी अटकलों पर विराम लग गया। मुख्यमंत्री 15 अगस्त को सेक्टर-12 में ध्वजारोहण करने आएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से 15 अगस्त पर झंडा न फहराने की धमकी मिली है। हालांकि यह धमकी सीधे तो नहीं दी गई, लेकिन पन्नू की तरफ से कई लोगों को फोन किए गए थे। जिसमें यह कहा जा रहा है कि मनोहर लाल 15 अगस्त को झंडा न फहराएं। साथ ही लाल किले पर एसजेएफ का झंडा फहराने वाले को एक करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा भी की है। ऐसे में शहर की सरकारी इमारतों की सुरक्षा को लेकर भी पुलिस ने कमर कस ली है।
सेक्टर-12 में कार्यक्रम स्थल के पास ही लघु सचिवालय, हुडा कार्यालय, जीएसटी भवन व जिला न्यायालय की इमारत है। पुलिस की तरफ से इन इमारतों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सीएम शहीद स्मारक पर भी जाएंगे। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की कमान डीसीपी व एसीपी स्तर के अधिकारियों को दी गई है। केंद्रीय स्तर की खुफिया एजेंसियां भी सुरक्षा को लेकर सतर्क है। वहीं सरकारी इमारतों की गिनती व संवेदनशीलता को लेकर लिस्ट बना चुका है।
इस तरह से किए गए हैं सुरक्षा के इंतजाम
स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम को लेकर जिले में 13 अगस्त से ही सुरक्षाकर्मी विभिन्न स्थानों पर तैनात कर दिए गए। 15 अगस्त तक करीब 3500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। पुलिस आयुक्त ने सभी थाना, चौकी व क्राइम ब्रांच अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में होटल, गेस्ट हाउस, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजारों, धर्मशाले की निरंतर जांच करने के लिए कहा है। संदिग्ध वाहन और लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जिले में ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। भारी वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। बिना पहचान पत्र के किसी भी व्यक्ति को साइबर कैफे में प्रवेश नहीं मिलेगा। उन्हें सीसीटीवी कैमरे का 30 दिन तक रिकार्ड रखना होगा। जिले में पुराने वाहन बेचने वाले डीलर प्रत्येक ग्राहक के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त करेंगे। जिस किसी को भी वाहन बेचे गए हैं, उन सभी का रिकार्ड डीलर के पास होना आवश्यक है। बिना फोटो और उचित पहचान पत्र के किसी भी व्यक्ति को सिम कार्ड और मोबाइल न बेचने के निर्देश दिए।