November 17, 2024

हरियाणा : स्वास्थ्य विभाग में हुआ लाखों का घोटाला, छह साल से कागजों में दौड़ाई जा रही गाड़ियां

Chandigarh/Alive News : हरियाणा के भिवानी के नगर परिषद में करोड़ों के घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि स्वास्थ्य विभाग में अब लाखों का घोटाला और उजागर हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार विशेष बच्चों के हेल्थ चेकअप के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग ने अनुबंध आधार पर गाड़ियां हायर की थी, जो आज तक सड़कों पर उतरी ही नही है।

इनमें अधिकतर गाड़ियां तो लगातार छह साल से कागजों में ही दौड़ाई जा रही है, जबकि रिकॉर्ड की खानापूर्ति के लिए ट्रैक्टर, ऑटो रिक्शा और स्कूटर व डॉक्टरों के निजी वाहनों के नंबर तक दर्ज कर फर्जी तरीके से लाखों का भुगतान कर किया गया है। इसकी पोल तब खुली जब एक पूर्व ईएमटी ने सीएम विंडो में मामले की शिकायत कर डाली।

मिली जानकारी के अनुसार सीएम विंडो पर शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने डिप्टी सीएमओ की अगुवाई में चार सदस्यीय चिकित्सकों की टीम से जांच कराई। जांच में स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी घोटालेबाजों की करतूत देखकर दांतों तले उंगली दबा ली।

क्योंकि कॉमर्शियल एसी वाहनों की जगह रिकार्ड में फर्जी तरीके से ट्रैक्टर, स्कूटर, ऑटो रिक्शा और निजी दुपहिया वाहनों के नंबर तक दर्ज किए गए थे। जांच में 2013 से 2019 तक हायर किए गए वाहनों में गड़बड़झाला सामने आया। इसके हिसाब से जांच अधिकारी खुद इसमें 80 लाख से करीब पांच करोड़ तक के फर्जीवाड़े की आशंका जता रहे हैं।

इस संबंध में भिवानी निवासी राज कुमार ने दिसंबर 2021 में सीएम विंडो में शिकायत दी थी। राजकुमार ने बताया कि उसने स्वास्थ्य विभाग में करीब साढ़े तीन साल तक रेफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बतौर ईएमटी कार्य किया था। उसने शिकायत में बताया कि 2013 से लेकर 2019 तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष बच्चों की जांच के लिए चार सदस्यीय चिकित्सकों की टीमों को स्कूलों में जाकर बच्चों का हेल्थ चेकअप करना था।

इसमें एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक नर्स और एक चपरासी शामिल था। इस टीम के आने-जाने के लिए एसी कॉमर्शियल वाहनों को हॉयर किया गया था, लेकिन इसमें व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ। जिसमें रेफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के स्वास्थ्य अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों रुपयों का फर्जी भुगतान भी किया गया।