Faridabad/Alive News: शिक्षा विभाग द्वारा नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले बच्चों के एडमिशन में हो रही देरी का एडवोकेट कैलाश चंद ने विरोध किया है। कैलाश चंद ने हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर नियम 134ए में ड्रा करके आवेदनकर्ताओं को स्कूल अलॉट करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसमें देरी करेगी तो वे गरीबो के हक के लिये उच्च न्यायालय में तक जाएंगे।
दरअसल, हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के अधिनियम 134 ए के तहत प्रदेश के गरीब परिवार जिनकी वार्षिक आय दो लाख या इससे कम है उनके बच्चों को प्रदेश के निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा लेने का अधिकार है। वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण आवेदन प्रक्रिया को बीच में स्थगित कर दिया गया था।
उसके उपरांत वर्ष 2021 में ज्यादातर सेशन बीत जाने के उपरांत शिक्षा विभाग द्वारा अक्टूबर-नवंबर माह में नियम 134 ए के लिए जरूरतमंदों बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिला हेतु ऑनलाइन आवेदन पोर्टल शुरू किया गया। जिस पर प्रदेश के लगभग 66495 जरूरतमंद बच्चों के आवेदन आए।
आवेदन प्रकिया पूरी होने के बाद 5 दिसंबर को हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा बच्चो का टेस्ट भी लिया गया। जिस पर टेस्ट में 55 प्रतिशत अंक और उससे अधिक अंक से पास करने वाले आवेदनकर्ताओं के मोबाइल पर टेस्ट में प्राप्त अंक के लिए सूचना जारी कर दी गई और जिस पर पास होने वाले छात्रों को मेरिट के आधार पर प्रदेश के निजी स्कूलों में दाखिले के लिए 10 दिसंबर को स्कूल अलॉट किया जाना था।
परन्तु आवेदनकर्ताओं को न तो स्कूल अलॉट हुए और ना ही कोई सूचना दी। कैलाश चंद्र द्वारा शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी चंडीगढ़ और निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग पंचकूला और निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग पंचकूला को पत्र लिखकर जल्द से जल्द 134 ए के आवेदन करने वाले बच्चों को स्कूल अलॉट करने और दाखिला करवाने की मांग रखी।