May 22, 2024

हरियाणा के 30 स्कूलों में जीरो दाखिले पर भड़का शिक्षा विभाग, अधिकारियों को लगाई फटकार, दाखिला न होने पर हो सकते है स्कूल बंद

Faridabad/Alive News : हिसार में 30 राजकीय प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा में एक भी दाखिला नही होने पर नाराज मौलिक शिक्षा निदेशक डा. अंशज सिंह ने प्रदेश स्तर पर सभी जिलों के डीईओ, डीईईओ और बीईओ की वीसी बुलाई और जमकर झाड लगाई।

वीसी के दौरान मौलिक शिक्षा निदेशक ने विभाग के अधिकारियों से पूछा कि अब तक 29 प्राइमरी स्कूल में दाखिले ना होने का क्या कारण हैं? उन्होंने कहा कि अधिकारियों की गलती है, ऐसे में कहा कि अगर स्कूलों में जल्द बच्चों का दाखिला नहीं हुआ तो ऐसे सरकारी स्कूलों को बंद होते देर नही लगेगी, इसलिए सभी अधिकारियों बहानेबाजी छोड़कर जल्द से जल्द स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवाएं।

मिली जानकारी के अनुसार हेड क्वार्टर को भेजी गई रिपोर्ट में 80 राजकीय प्राथमिक स्कूलों ने दाखिले के मामले में जीरो का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मगर, इन स्कूलों में इक्का-दुक्का दाखिल किए हुए देख मौलिक शिक्षा निदेशक का पारा हाई हो गया और उन्होंने कहा कि इतने कम बच्चों की कक्षाएं अध्यापक कैसे लगाएंगे। जिसके बाद शनिवार को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने इन 30 स्कूलों के मुखियाओ को स्कूल मुख्यालय पर बुलाकर जमकर लताड़ लगाई और स्कूलों में जल्द से जल्द दाखिला बढ़ाने के निर्देश दिए।

दरअसल, शिक्षा अधिकारियों का तर्क था कि राजकीय प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा में बच्चों के दाखिले इसलिए एमआइएस पोर्टल पर नहीं दिख रहे है क्योंकि परिवार पहचान पत्र की वजह से बच्चों के फार्म पोर्टल नही चढ़े।

हालांकि, फरीदाबाद के भी 27 स्कूल है। जिनमें बच्चों के दाखिले का डाटा एमआइएस पोर्टल पर अपडेट ना होने के कारण शिक्षा विभाग को जीरो दाखिले दिखाई दे रहे हैं। जबकि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी का दावा है कि सभी राजकीय स्कूलों में बच्चों के दाखिले हुए हैं। लेकिन पोर्टल ना चलने की वजह से सभी बच्चों के आफलाइन दाखिले हुए है। इनको पोर्टल पर अपडेट करने को लेकर पेच अटका हुआ है।

पोर्टल में आ रही कई दिक्कतें
स्कूल मुखियाओं के अनुसार परिवार पहचान पत्र के बगैर पोर्टल पर बच्चों के दाखिले नहीं हो पा रहे, जबकि कुछ बच्चे अन्य राज्यों से हैं जिनके पीपीपी नहीं बने है। ऐसे में उनके अस्थायी पीपीपी बनाए जाएंगे। इसके लिए संबंधित सीएससी को आदेश दिए है। उधर, ओटीपी बच्चो के दाखिले में सबसे बड़ा रुकावट बन रहा है। दरअसल, पहचान पत्र की सीरियल नंबर दर्ज करते समय फोन पर एक ओटीपी आता है। कुछ अभिभावकों के पहचान पत्र में पुराना मोबाइल नंबर दर्ज है और वह नंबर अब बंद है ऐसे में ओपीटी नहीं आ रहा।

आईएम एस पोर्टल पर बच्चों के दाखिले का डाटा अपडेट ना होने का दूसरा कारण उम्र का विकल्प भी चुनौती साबित हो रहा है। पोर्टल पर बच्चों के दाखिला का डाटा पांच साल उम्र पूरा होने पर ही अपलोड़ किया जा सकता। इससे पहले बच्चों को दो साल प्ले स्कूल या आंगनवाड़ी में भेजना होगा। वहां से एलकेजी, यूकेजी करने के बाद पहली कक्षा में दाखिला होगा।

पोर्टल के बारे में दी ट्रेनिग
आइटी सेल एक्सपर्ट ने इन स्कूल मुखिया को एमआइएस पोर्टल के बारे में ट्रेनिग दी है कि कैसे दाखिले करें और जो समस्या आ रही है उनका निदान कैसे करें। मगर, इससे स्कूल मुखियाओं में काफी रोष है, क्योंकि छुट्टी होने के बावजूद उनको कार्यालय में बुलाया जा रहा है। स्कूल मुखिया ने कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) लागू किया हुआ है, उनमें किसी बच्चे के पीपीपी में नाम गलत है तो किसी का बना ही नही है। कुछ बच्चें दूसरे जिले या राज्य से आकर यहां बसे है, उनके बच्चे पढ़ते हैं उनकी पीपीपी नही बना है। इस वजह से भी पोर्टल दाखिला नही ले रहा।

शिक्षा विभाग ने दस दिन पहले 110 राजकीय प्राथमिक स्कूलों की सूची पंचकूला हेडक्वार्टर को भेजी थी। इनमें से किसी के भी दाखिले नहीं हुए थे। वीसी में जल्द दाखिले के आदेश दिए थे। इसकी रिपोर्ट दोबारा से मांगी थी। इसके बाद 80 स्कूलों ने इक्का-दुक्का दाखिला कर जीरो को तोड़ा है।