New Delhi/Alive News : केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 पेश किया. उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में उच्च उत्पादकता और समग्र उत्पादन प्राप्त करने के लिए क्रेडिट एक महत्वपूर्ण आगत है. लघु अवधि फसल ऋण पर किसानों को प्रदान की जाने वाली ब्याज सहायता से उत्पन्न होने वाली विभिन्न देयताओं को पूरा करने के लिए 2017-18 के लिए 20,339 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है. इसके साथ ही फसल कटाई के बाद भंडारण संबंधी ऋण देश में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अपेक्षा को पूरा करता है. खासतौर पर छोटे और सीमांत किसान जो कि मुख्य उधार लेने वालों में से है.
एक चैनल के अनुसार आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, यह संस्थागत क्रेडिट किसानों को क्रेडिट के गैर-संस्थागत स्रोत से अलग करने में मदद करेगी. जहां पर यह ब्याज की ऊंची दरों पर उधार लेने के लिए मजबूर होते हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल बीमा, फसलों के ऋण से जुड़ा है. लिहाजा किसान फसल ऋणों का फायदा उठाते हुए सरकार की दोनों किसानों के अनुकूल पहलों से लाभ ले सकेंगे.
किसानों को 2 प्रतिशत की ब्याज दर पर सहायता
यह ऋण ऐसे छोटे और सीमांत किसानों जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है, को 6 माह की अवधि के संबंध में ऐसे भुगतान पर 2 प्रतिशत की ब्याज सहायता उपलब्ध है. इसमें किसानों को बाजार में उछाल आने के समय अपनी बिक्री करने और मंदी के दौरान बिक्री से बचने में मदद मिलेगी. अतः छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए आवश्यक है कि वे अपने केसीसी को बनाए रखें.
2022 तक किसानों का आय दोगुना करने का लक्ष्य
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना चाहती है. इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार ने तमाम तरह की पहल की है. संस्थानात्मक स्रोतों से क्रेडिट, सभी ऐसे सरकारी प्रयासों जैसे सायल हेल्थ कार्ड, इनपुट प्रबंध, प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), PMFBY, E-NAM इत्यादि में पर ड्रापमोरक्रॉप को विभुषित करेगा.
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कि किसान बाजार में अपने उत्पादन के संबंध में लाभदायक कीमतों का लाभ उठाएं, सरकार सुधार को लेकर कदम उठा रही है. इलेक्ट्रोनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) जो सरकार द्वारा अप्रैल 2016 से आरंभ किया गया था, का उद्देश्य इलेक्ट्रोनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिखरे हुए एपीएमसी को एकीकृत करना और किसानों को ऑनलाइन व्यापार करने की सलाह दी जाती है, यह भी अहम है कि वे मान्यता प्राप्त गोदामों में अपने उत्पादन का भंडारण करके फसल की कटाई के बाद ऋण का फायदा उठाएं.