कराकस : वेनेजुएला इस वक्स बेहद खराब आर्थिक दौर से गुजर रहा है। खाने से लेकर मेडिकल फैसिलिटीज तक लोग हर चीज के लिए तरस रहे हैं। स्टोर्स में कॉन्डोम और बर्थ कंट्रोल पिल्स तक खत्म है। नौबत ये आ गई है कि यंग जेनरेशन तक इस तंगी में बच्चों की परवरिश और प्रेग्नेंसी के खर्च से बचने के लिए नसबंदी ऑपरेशन करा रही है।
प्लान करना था दूसरा बच्चा पर करा लिया ऑपरेशन…
– कराकस म्यूनिसिपल हेल्थ सेंटर में ऑपरेशन कराने वाली 28 साल मिलाग्रॉस मार्टिनेज का कहना है कि इस वक्त बच्चा होने पर और बुरे हालात से जूझना पड़ेगा।
– मार्टिनेज कराकस के बाहरी इलाके की रहने वाली हैं और वो आगे दूसरा बच्चा प्लान करना चाहती थीं।
– हालांकि, इस वक्त बर्थ कंट्रोल पिल्स न मिलने पर उन्होंने ऑपरेशन कराने का फैसला ले लिया।
– मार्टिनेज बताती हैं कि उनका पूरा दिन सुपरमार्केट के बाहर लंबी लाइन में खड़े होकर खाने की तलाश में निकल जाता है।
– नसबंदी को लेकर मार्टिनेज पहले डरी हुई थीं, लेकिन इस वक्त और बच्चे पैदा करने से बेहतर उन्हें यही लगा।
ऑपरेशन के लिए लगे हेल्थ कैंप
– देश में आर्थिक हालात बिगड़ने के बाद हुए ऐसे ऑपरेशन का कोई आंकड़ा अभी नहीं है।
– हालांकि, डॉक्टर्स और नेशनल फैमिली ऑर्गेनाइजेशन के हेल्थ वर्कर्स के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में नसबंदी के ऑपरेशन की डिमांड काफी बढ़ गई है।
– कराकस के हेल्थ सेंटर में नसबंदी के लिए बकायदा कैंप लगाया गया, जिसमें लोगों को पहुंचने के लिए बसों का भी इंतजाम था।
– महिलाओं के लिए चल रहे लोकल हेल्थ प्रोग्राम के तहत कराकस के 40 स्पॉट पर ऑपरेशन के ये प्रोग्राम चलाए गए।
– प्रोग्राम डायरेक्टर डेलियाना के मुताबिक, ऑपरेशन के लिए 500 महिलाएं अब भी वेटिंग लिस्ट में हैं।
– डायरेक्टर ने कहा कि पहले उन्हीं महिलाओं का ऑपरेशन किया जाता था, जिनकी आमदनी कम हो।
– इसके साथ ही उनके कम से कम चार बच्चे होने चाहिए, लेकिन अब एक-दो बच्चों वाली महिलाओं के भी ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
फल और सब्जियां हुए लग्जरी आइटम
– पिछले दिनों यहां की मिडिल क्लास फैमिलीज कचरे से खाना ढूंढते हुए फोटोज सामने आई थीं।
– कराकस में दुकानों के किनारे कचरे में पड़े फल और सब्जियां बीनते लोग आसानी से दिख जाएंगे।
– यहां फल और सब्जियां लोगों के लिए लग्जरी आइटम हो चुके हैं, इन्हें खरीदना बहुत से परिवारों के लिए सपने जैसा हो गया है।
– देश में फूड और मेडिसिन की सप्लाई की कमी के चलते बेतहाशा महंगाई है।
– लोगों के लिए दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल हो गया है।
– हॉस्पिटल्स की हालत जर्जर है और मेडिकल स्टोर्स पर जरूरी दवाइयां भी नहीं हैं।
क्यों बने ऐसे हालात…
पिछले 20 साल से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था बर्बाद होने लगी थी। बड़े पैमाने पर नेशनलाइजेशन और रेग्युलेशन के चलते प्राइवेट सेक्टर की हालत बिगई गई। करप्शन इस कदर हावी हो गया कि अरबों रुपए का कोई हिसाब ही नहीं हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने भी वेनेजुएला को सबसे करप्ट देशों में से एक माना है। पिछले दिनों इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरने के चलते यहां आर्थिक संकट खड़ा हो गया। देश में बिजली और खाद्य पदार्थों की सप्लाई सीमित हो गई। मेडिकल सेंटर्स भी संकट की स्थिति में हैं। कुछ दिनों के लिए देश में आपातकाल तक का एलान करना पड़ा था।