Faridabad/Alive News : इग्नू से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर करें। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक से मिली जानकारी के अनुसार हमारे जीवन में दिन-प्रतिदिन बढ़ते तनाव के कारण आजकल मनोवैज्ञानिकों की मांग काफी बढ़ रही है। अब मनोवैज्ञानिकों के पास जाना वर्जित नहीं माना जाता है, जबकि विगत कुछ वर्षों तक लोग मनोवैज्ञानिक के पास जाना पसंद नहीं करते थे। आजकल कुछ विद्यालयों और महाविद्यालयों में मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता की नियमित व्यवस्था की जाती है। यह व्यवस्था विद्यार्थियों और अध्यापकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है। अधिकतर लोकप्रिय शाखाओं के अलावा औद्योगिक तथा खेल मनोविज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी नौकरी के अवसर बढ़े हैं। ये दोनों शाखाएं अभी भी भारत में प्रारंभिक या मूल अवस्था में है, लेकिन इसके विकास की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।
फीस का विवरण
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय(इग्नू) स्नातकोत्तर स्तर पर मनोविज्ञान में एमए है जिसकी कुल फीस 18,600/- और विद्यार्थी को प्रतिवर्ष 9300/- रुपये जमा करनी है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने की न्यूनतम अवधि 2 वर्ष और अधिकतम अवधि 4 वर्ष है। इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने की उम्र की कोई बाध्यता नहीं है।
आज के समय में मनोवैज्ञानिकों की मांग बढ़ रही है। स्वास्थ्य देखभाल संबंधी रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं। इसी प्रकार मनोविकार तथा आचरण संबंधी दुव्र्यवहार के उपचार के क्लीनिक भी खुलते जा रहे हैं। स्कूलों, सामाजिक सेवा की सरकारी एजेंसियों तथा प्रबंधन परामर्श सेवाओं में भी रोजगार के अनगिनत द्वारा खुल गए हैं।
क्यों है जरूरी:- सर्वेक्षण, डिजाइन, विश्लेषण और अनुसंधान के क्षेत्र में कंपनियां मनोवैज्ञानिकों की विशेषज्ञता का लाभ उठा रही हैं, ताकि बाजार मूल्यांकन एवं सांख्यिकीय विश्लेषण किया जा सके। इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं बारहवीं तथा अधिकांश विश्वविद्यालयों में बीए स्तर पर मनोविज्ञान विषय पढ़ाया जाता है। स्नातक के बाद विद्यार्थी मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री की पढ़ाई कर सकता है।