November 15, 2024

मूत्र संबंधित समस्या को हलके में न लें: डॉ आलोक कुमार झा

मुत्र से संबंधित समस्याओं के इलाज की विधियां उपलब्ध होने के बावजूद इन समस्याओं से ग्रस्त मरीज अति सक्रिय मूत्राशय (ओवरएक्टिव ब्लैडर) की समस्या से जूझते रहते हैं. एक अनुमान के अनुसार 40 वर्ष से अधिक उम्र के 6 में से 1 लोग ओवरएक्टिव ब्लैडर से जूझते रहते हैं. विश्व में 19 से 26 जून 2017 को वर्ल्ड कॉन्टिनेंस वीक के रूप में मनाया जाता है.

Health/ Alive News: फरीदाबाद के सेक्टर 16 स्थित क्यूआरजी हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ आलोक कुमार झा कहते हैं कि ओवरएक्टिव ब्लैडर एक ऐसी समस्या है जिसमें मूत्राशय के संग्रहण की कार्यप्रणली बिगड़ जाती है, जिसके कारण अचानक मूत्र त्याग का तीव्र इच्छा उत्पन्न होती है. कुछ मामलों में यह इच्छा इतनी प्रबल हो जाती है कि आपके बाथरूम पहुंचने से पहले ही पेशाब लीक हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप 24 घंटे के दौरान 8 बार से अधिक मूत्र त्याग करते हैं तो यह इस बात का संकेत है कि आपको मूत्र संबंधित समस्या है.
डॉ आलोक कुमार झा कहते हैं, हालांकि यह समस्या बहुत ही सामान्य है लेकिन शर्म के मारे लोग इसके बारे में अपने चिकित्सा से बात करने से हिचकिचाते हैं. इस समस्या के कारण आपकी जीवन की गुड़वत्ता प्रभावित होती है. इसके कारण आपके आत्मविश्वास में कमी आ सकती है और आप सामाजिक रूप से अलग-थलग रह सकते है. अति सक्रिय मूत्राशय होने पर हमारा मूत्राशय अतिरिक्त कार्य करता है. यह सामान्य से अधिक बार और असुविधानक समय पर सिकुड़ता है. मूत्राशय की मांसपेशियां मस्तिक को गलत संदेश देती है, जिसके कारण मूत्राशय के भरे होने का अहसास होता है जबकि वास्तव में मूत्राशय भरा हुआ नहीं है.

ओएबी के इलाज की दशा में पहला चरण यह पता लगाने का है कि आप ओएबी से पीड़ित हैं. इस बात का ध्यान रखें कि आप रोजाना कितनी बार और कितना अधिक मूत्र त्याग करते हैं. इसके अलावा आपको हर बार मूत्राशय को खाली करने के लिए कितनी तीव्र इच्छा होती है. अगर मूत्र त्याग करने की बारम्बारता एवं तीब्रता बढ़ जाये तो आपको चिकित्सक से सलाह करनी चाहिए। जब ओएबी का इलाज हो जाता है तो ओएबी का बेहतर तरीके से प्रबंधन किया जा सकता है और इसके लक्षण काफी कम हो जाते हैं. ओएबी के इलाज के अनेक तरीके हैं, जिनमे जीवन शैली, आहार, दवा और सर्जरी भी शामिल है.