नवरात्र ऐसा पर्व हैं जिसमें व्रत रखने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है और इस भक्तिमय माहौल में अपने आपको ढ़ालने से रोक नहीं पाते। कुछ लोग खासकर महिलाएं पूरे नौ दिन व्रत करती हैं और कुछ केवल पहला और आखिर व्रत करते हैं। व्रत को ही भगवान के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने का सबसे सरल तरीका मानती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं भी व्रत करती हैं और वे ये भूल जाती हैं कि उन्हें व्रत करने से परेशानी भी हो सकती है। डॉक्टरों द्वारा रोगियों, वरिष्ठजनों और गर्भवतियों को व्रत न रखने की सलाह दी जाती है।
एशियन अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञा डॉ गुंजन भोला ने बताया कि व्रत के दौरान कुछ लोग निर्जला व्रत करते हैं जो कि शरीर के लिए नुकसानदेय होता है। कुछ लोग वज़न कम करने के लिए भी व्रत करते हैं, जबकि इससे कुछ लोगों का वज़न बढ़ता है। नवरात्र में पूरे दिन भूखा रहने और रात के समय भारी खाने का सेवन करने से सिर दर्द होना, चक्कर आना, बेहोशी आना, कमजोरी महसूस होना जैसी समस्याएं शुरू हो जाती है। इसलिए इस प्रकार की कोई समस्या हो उससे पहले लोगों को अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हर दो घंटे के अंतराल में कुछ न कुछ फल, जूस या सलाद का सेवन करते रहना चाहिए। ये डिहाइड्रेशन से बचाते हैं। थोडी-थोड़ी देर बाद पानी पीते रहना चाहिए। तरल पदर्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।
सुबह उठने के बाद ज्यादा देर तक भूखा रहने से एसिडिटी और पूरे दिन भोजन न करने या सिर्फ पानी पर निर्भर रहने से लो ब्लड़ प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसलिए समय-समय पर फलाहार करते रहना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को खासकर इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपने साथ-साथ अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना चाहिए। पूरा दिन भूख रहने से न केवल शरीर का मेटाबॉलिज़्म प्रभावित होता है बल्कि शरीर में वसा की मात्रा में बढ़ जाती है। पूरा दिन भूखा रहकर रात को हाई कैलोरी युक्त खाना खाने का न केवल गर्भवती महिला बल्कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य बहुत बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा पाचनतंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।