November 15, 2024

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के दर्द को न करें नजरअंदाज : डॉ. रोहित

Faridabad/Alive News :  बदलती लाइफ स्टाइल में आज लोगों के उठने बैठने का चलन बदल गया है। घरों में देर तक गर्दन झुकाकर लिखने-पडऩे का कार्य करना। ऑफिस में गर्दन झुकाकर देर तक कंप्यूटर पर कार्य करना व्यक्ति को सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का शिकार बना रहा है। यह कहना है। सेक्टर-16ए स्थित मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता का। आमतौर पर लोग गर्दन में होने वाले इस दर्द नजरअंदाज करते हैं, जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ़ रोहित गुप्ता ने कहा कि स्पोंडिलोसिस एक ऐसी बीमारी है जो रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। आमतौर पर कमर से लेकर सिर तक जाने वाली रीढ़ की हड्डी में दर्द होने को ही स्पोंडिलोसिस कहा जाता है। यह बीमारी बोंन डेंसिटी कम होने पर असर दिखाना शुरु करती है। इसका दर्द गर्दन के निचले हिस्से, दोनों कंधों, कॉलर बोन तक पहुंच जाता है। इससे गर्दन घुमाने में परेशानी होती है और कमज़ोर मासपेशियों के कारण, हाथों को उठाना भी मुश्किल होता है। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों के कमजोर होने से भी यह बीमारी होती है।

लक्षण व परेशानियां
-कई बार गर्दन का दर्द हल्के से लेकर ज्यादा हो सकता है।
-गर्दन में दर्द और गर्दन का अकडऩा, स्थिति को गंभीर करने की मुख्य वजह हैं।
-सर में पीछे की ओर दर्द का होना।
-कंधों में दर्द और जकडऩ पैदा होना।
-हाथों में सुन्नपन होना।
-दर्द दोनों हाथों की उंगलियों में जाना, जिसे हम सर्वाइकल रेडीकुलोपैथी कहते हैं। यह नस के दबने की वजह से होता है।

क्या करें
– हमेशा कमर को सीधा करके बैठे
-30 से 40 मिनट के अंतराल में बैठने की अवस्था को बदलें
– लंबे समय तक एक ही अवस्था में न खड़े न रहें।
– कुर्सी पर बैठने के बाद पैरों को फैला लें।
– ऑफिस में काम करते समय लगातार बैठे न रहें, 5 से 10 मिनट टहलें भी। इससे शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
-पौष्टिक भोजन खाएं, खासकर ऐसा भोजन जो विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर हो।