November 24, 2024

निगम मुख्यालय के निर्माणाधीन भवन के एस्टीमेट में गड़बड़ी, बिना अनुमति के बजट बढ़ाने का आरोप

Faridabad/Alive News: निगम आयुक्त के प्रयासों के बावजूद भी नगर निगम का कार्य पटरी पर नहीं आ पा रहा है। लगातार विकास कार्यों में गड़बड़ी के मामले आते रहते हैं। एक ऐसा ही मामला मुख्यमंत्री घोषणा के काम में मिला है। सेक्टर-12 में बन रहे नगर निगम मुख्यालय के एस्टीमेट में छेड़खानी कर गलत तरीके से बढ़ाने का मामला स्टेट विजिलेंस और हरियाणा अर्बन लोकल बॉडी के पास पहुंच गया है। सरकार ने भी रिपोर्ट मांगी है।

नगर निगम मुख्यालय एनआईटी में बीके चौक पर है। लोगों की मांग थी कि मुख्यालय सेक्टर-12 में बनाया जाए। इसे लेकर सीएम एनाउंसमेंट 7 जून 2015 को हुई थी। इसमें मुख्यमंत्री ने नया निगम मुख्यालय बनाने की घोषणा की। सात मंजिला भवन में बेसमेंट का भी प्रावधान है। पार्षदों के लिए रूम, अधिकारियों के लिए रूम व कांफ्रेंस हॉल का प्रावधान है।

नगर निगम ने करीब 42 करोड़ 40 लाख का काम ठेकेदार को सौंप दिया। ठेकेदार ने 25 अक्टूबर 2018 में कार्य शुरू किया और अक्टूबर 2021 में पूरा करना था। अभी काम आधा हुआ है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार चीफ इंजीनियर कार्यालय में बिल्डिंग के स्कोप ऑफ वर्क में कुछ ज्यादा चीजें जोड़ दी गई। अच्छी क्वॉलिटी का सीमेंट इस्तेमाल समेत बिल्डिंग की चौड़ाई भी बढ़ा दी गई लेकिन इसके लिए उच्चाधिकारियों ने इजाजत नहीं ली गई।

जबकि, किसी भी एस्टीमेट व कार्य की शैली में परिवर्तन होता है तो सरकार से मंजूरी जरूरी है। आरोप है कि अधिकारियों और ठेकेदार ने सांठ गांठ करके एस्टीमेट को अपने स्तर पर ही बदल दिया जो बड़ी गड़बड़ी की तरफ इशारा कर रहा है। एस्टीमेट बदलने से बिल्डिंग की लागत भी बढ़ गई। जहां 42 करोड़ में बिल्डिंग बननी थी अब बजट 52 करोड़ पहुंच गया है।

शिकायतकर्ता विष्णु गोयल के अनुसार ठेकेदार ने अभी तक आधा काम भी पूरा नहीं किया है और उसे 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट कर दी गई है। वहीं, जिस एस्टीमेट के तहत बिल्डिंग बनाई जानी थी, उसके तहत बिल्डिंग नहीं बन रही है। यशपाल यादव ने भी सरकार को लेटर लिखकर बताया था कि गड़बड़ी हुई है, उन्होंने जांच टीम का भी गठन किया था लेकिन उस समय डीसी का भी चार्ज था।