November 19, 2024

10वीं-12वीं के छात्रों को स्कूल बुलाने की छूट के बाद शिक्षा निदेशालय ने जारी की एसओपी, इन बातों का रखना होगा ध्यान

New Delhi/Alive News: महामारी के कारण फरवरी 2021 में बंद हुए स्कूल दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए सोमवार को खुल गए। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों को दाखिले, काउंसलिंग और प्रैक्टिकल गतिविधियों के लिए स्कूल बुलाने की अनुमति दी गई है। स्कूल अभिभावकों की लिखित सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुला सकते हैं। शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को इस संबंध में एसओपी जारी कर दी। बच्चों को बुलाने के लिए इन एसओपी का स्कूलों को पालन करना होगा। 

दरअसल, कोरोना महामारी के कारण स्कूल मार्च 2020 से बंद हैं। जनवरी 2021 में दसवीं बारहवीं के लिए और फरवरीं में नौवीं व ग्यारवीं के बच्चों के लिए स्कूल खोले गए थे। अब दूसरे राज्यों में स्कूल खुलने के बाद अब दिल्ली में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में बच्चों को बुलाने की अनुमति दी गई है। किसी स्वास्थय सेवा संबंधित मामले के लिए स्कूल जाने पर बच्चों को अपने अभिभावकों के साथ जाना होगा। ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह चलती रहेंगी जो अपनी प्रैक्टिकल कक्षाएं ऑनलाइन जारी रखना चाहते हैं उन्हें इसकी मंजूरी होगी। 

स्कूलों में पहले से चल रही स्वास्थय सेवाएं पहले की तरह चलती रहेंगी। इनके लिए हर आयु वर्ग के बच्चों को अभिभावकों के साथ जाना होगा। क्लासरुम और लैब की क्षमता के हिसाब से स्कूल प्रमुखों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के हिसाब से शेड्यूल बनाना होगा। इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना व मास्क लगाना अनिवार्य है। स्कूल प्रमखों को सुनिश्चित करना होगा सभी शिक्षकों व कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो। इस संबंध में निदेशालय ने बीते माह भी दिशा-निर्देश जारी किए थे।  

एसओपी में कही गई बातें
स्कूल परिसर में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले किसी बच्चे या स्टॉफ को आने की इजाजत नहीं होगी। स्कूल के एंट्री गेट पर ही अनिवार्य रूप से थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी। स्कूल के गेट, कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और जनसुविधाओं वाली जगहों पर हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था करना अनिवार्य है। केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूल ही बच्चों को बुलाया जा सकता है। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी स्कूल नहीं आ सकेंगे। कक्षाओं व प्रयोगशालाओं में इस तरह से व्यवस्था करनी होगी कि कोविड-19 के दिशा-निर्देश ना टूटें। 

स्कूल स्टॉफ को टाइम टेबल के हिसाब से बुलाया जा सकता है। बच्चों के एक ग्रुप के स्कूल से निकलने के बाद दूसरे ग्रुप के आने के बीच एक घंटे का अंतराल जरूरी है। विद्यार्थियों को बताया जाए कि वह किताबें, कॉपी और स्टेशनरी व अन्य वस्तुओ को साझा ना करें। स्कूल के गेट पर भीड़ ना हो इसका ध्यान रखा जाए, सामाजिक दूरी का पालन करवाया जाए।  बच्चों को गाइड किया जाए कि वह अन्य बच्चों से कॉपी, बुक, व स्टेशनरी व अन्य सामान साझा ना करें।

इमरजेंसी के लिए स्कूल में क्वांरटीन रूम की उपलब्धता होनी चाहिए। स्कूल में नियमित अतिथि यात्राओं को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। हालांकि आपात स्थिति के दौरान उचित कोविड उपयुक्त व्यवहार व प्रोटोकॉल के साथ माता-पिता को आने की अनुमति दी जा सकती है। आने-जाने के लिए अलग.अलग जगह तय की जाए। सभी प्रमुख स्थानों जैसे क्लास रूम, वॉशरूम, पार्किंग, प्रवेश और निकास आदि पर पोस्टर संदेश प्रदर्शित किए जाएं, जिससे कि कोविड उपयुक्त व्यवहार जैसे शारीरिक दूरी और मास्क दिशा निर्देश आदि सुनिश्चित किया जा सके।