Faridabad/Alive News: शासन और प्रशासन ने जिला, राज्य और देश स्तर पर स्मार्ट सिटी का सच्च छुपाया हुआ था, अब यह सच्च विदेश स्तर पर भी छुपा लिया गया। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद को देखने के लिए साउथ अफ्रीका से सांसदों का प्रतिनिधि मंडल आया था। अब सवाल उठा की क्या वास्तव में फरीदाबाद स्मार्ट सिटी है?
इस बात से शासन और प्रशासन भली-भांति परिचित है कि फरीदाबाद स्मार्ट सिटी है? लेकिन फिर भी शासन और प्रशासन ने स्मार्ट फरीदाबाद को देखने के लिए साउथ अफ्रीका के सांसदों निमंत्रण दिया गया। अब सवाल यह भी उठ रहा है कि स्मार्ट सिटी में उन्हें कहाँ घूमाया गया होगा और क्या दिखाया होगा ?
23 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका के सांसद प्रतिनिधि मंडल स्मार्ट सिटी का दौरा करने आये। जिसकी अध्यक्ष्ता जिले के उपायुक्त ने की। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह के द्वारा साउथ अफ्रीका से आए सांसदो के प्रतिनिधि मंडल को स्मार्ट सिटी कैसे बनाया जा रहा है, इसमें किस तरह से स्मार्ट पार्क, स्मार्ट हाई स्पीड सीसीटीवी कैमरे, ट्रैफिक लाइट्स और तमाम यातायात प्रणाली से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराया गया। इसके अलावा स्मार्ट सिटी द्वारा बनाए गए शहर में आरएमसी रोड, बेहतर सीवरेज व्यवस्था, वाटर सप्लाई पाइप लाइन, अंडरग्राउंड बिजली की तारे और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रणाली के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा बड़खल चौक से अनखीर रोड और निर्माणधीन बड़खल झील का भी दौरा करवाया गया।
इस दौरे के बाद फरीदाबाद की जनता शासन-प्रशासन से सवाल पूछ रही है कि क्या वास्तव में फरीदबाद में ये सभी सुविधाएं है? स्मार्ट रोड, जो अपने पूर्ण विकास के लिए राह जोह रहे है और ये स्मार्ट रोड बारिस के मौसम में तालाबों में तब्दील हो जाते है।
बेहतर सीवरेज व्यवस्था, जो हमेशा ओवरफ्लो रहते है और आम दिनों में लोगों का सड़कों से चलना तक दुश्वार रहता है। स्ट्रीट लाइटें, कुछ स्मार्ट सड़कों पर स्ट्रीट लाइट न होने के कारण रात को ये अंधेरे में डूबी रहती है। अब यहां कहा जा सकता है कि फरीदाबाद के अधिकारी दिखावे का स्मार्ट सिटी बनाकर विदेशी सांसदो के साथ जनता को गुमराह कर रहे है।
औद्योगिक नगरी की वास्तविक सच्चाई क्या है यह केवल यहां के स्थानीय निवासी जानते हैं। शासन-प्रशासन से फरीदाबाद की जनता पूछ रही है कि साउथ अफ्रीका के प्रतिनिधि मंडल को कौन से स्मार्ट रोड से फरीदाबाद स्मार्ट सिटी में लाया गया और कौन से स्मार्ट रोड से उन्हें विदा किया गया या सिर्फ केवल उन्हें बंद कमरे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की खुबिया दिखा कर विदा कर दिया गया? फरीदाबाद के धरातल की वास्तविकता यह है कि यहां की ज्यादातर सड़को में सड़क कम और गड्डे ज्यादा दिखाई देते है।
क्या जिला उपायुक्त ने अपने कैंप ऑफिस की सड़क का दीदार विदेश से आए सांसदो को कराया है? क्योंकि इस 15ए की सड़क पर जिले के उच्च अधिकारियों के अलावा जिला सत्र न्यायधीश तक रहते है उस सड़क के हालात पिछले 8 सालों से दयनीय बने हुए है। उसका उधार नही हुआ है तो फरीदाबाद की जनता के लिए स्मार्ट सिटी का सपना पूरा होना कितना मुश्किल है। ऐसे विदेशी लोगों की विजिट कराने से फरीदाबाद शहर स्मार्ट नही बन सकता।