November 5, 2024

होली के गीतों पर खूब थिरके श्रद्धालु, बाबा विश्वनाथ संग खेली होली

New Delhi/Alive News: होलिका के धूलिवंदन के काशी में होली का उल्लास हर बनारसी के सिर चढ़कर बोला। घर से गलियों तक फाग के रंग बरसे तो अंग-अंग भीग गया। घाट से लेकर शहर की सड़कों तक होली का महापर्व धूमधाम से मनाया गया। हल्की बूंदबांदी के साथ भगवान इंद्र ने भी बनारस की होली के रंग को और चटख कर दिया। बुधवार की सुबह होली के रंगों में डूबे युवा और बच्चे मस्ती की तरंग में जगह-जगह डीजे की धुन पर पारंपरिक और भोजपुरी होली गीतों पर थिरके।

घर से गलियों तक फाग के रंग बरसे तो नख से शिख तक रंगों से सराबोर हो उठे। बनारस का कोना-कोना रंगों में भीग गया। घरों होली की शुरूआत हुई तो बच्चों ने छत, बॉलकनी और बरामदों से हर आने-जाने वालों पर रंगों की बौछार की। किसी को रंग भरे गुब्बारे से मारा तो किसी पर अबीर उड़ाए। जो भी मिला उसको रंगों से सराबोर किए बिना नहीं छोड़ा। सड़कों और गलियों में डीजे की धुन पर नाचते-गाते युवाओं ने खूब धमाल मचाया। गंगा किनारे रहने वालों ने गंगा किनारे घाट पर होली खेली।

बाबा विश्वनाथ के संग भक्तों ने खेली होली
होली की सुबह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों ने बाबा के संग होली खेली। इसके अलावा शहर के दूसरे मंदिरों में भी देवी-देवताओं के साथ भक्तों ने होली खेली। नियमित दर्शनार्थियों ने बाबा विश्वनाथ, कालभैरव, संकटमोचन, मां अन्नपूर्णा, दुर्गा मंदिर समेत सभी मंदिरों में रंगोत्सव का पहला गुलाल अर्पित किया। काशी की परंपरानुसार चौसठ्ठी घाट स्थित चौसठ्ठी माता के मंदिर में सबसे अधिक जुटान हुई। श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई थी और मंदिर में गुलाल की चादर सी बिछ गई थी।

फाग के बाद शाम को खेला अबीर
सुबह से दोपहर तक होली की धुंआधार मस्ती के बाद शाम ढलते ही होली मिलन का दौर शुरू हो गया। घर में पहले देवी-देवताओं को गुलाल अर्पित करने के बाद बड़े बुजुर्गों को गुलाल लगाकर आशीर्वाद लिया। उसके बाद रिश्तेदार और दोस्तों से होली मिलने निकल पड़े। मंगलवार की शाम को लोगों ने होलिका दहन स्थल पर जाकर पूजन-अर्चन किया।