Faridabad/Alive News : लाल डोरा से बाहर पंचायती जमीन पर अवैध रूप से बसे गांव अरूआ और साहपुरा खादर में पुलिसकर्मी नहीं मिलने की वजह से बृहस्पतिवार को तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं हो सकी। हालांकि, एसडीएम ने अवैध रूप से बसे गांव अरूआ और साहपुरा खादर में तोड़फोड़ कार्यवाही के आदेश दिया हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार यहां कई सालों पहले एक गांव बसा हुआ था। जो यमुना नदी में बाढ़ आने यह गांव पानी में डूब गया था। गांव की हालत को देखते हुए तत्कालीन उपायुक्त ने कहा था कि लोग पंचायती जमीन पर जाकर बस जाएं। उस समय गांव की आबादी 800 थी, लेकिन अब यह संख्या आठ हजार तक पहुंच गई है। कुछ ग्रामीण लोकायुक्त के पास चले गए। लोकायुक्त ने मामले की सुनवाई करने का आदेश पूर्व एसडीएम अपराजिता को सौंप दिया। जिस पर कार्यवाही करते हुए पूर्व एसडीएम ने तोड़फोड़ के आदेश दे डाले। लेकिन पुलिस बल नहीं मिलने से तोड़फोड़ की कार्यवाही अब तक रुकी हुई है।
एक स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित है गांव अरूआ
वहीं दूसरी ओर कार्रवाई टलने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। मिली जानकारी के मुताबिक गांव अरूआ एक स्मार्ट विलेज है। इसके विकास के लिए सरपंच द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके है। गांव में 4 बारात घर हैं। हर बारात घर दो एकड़ में करीब दो करोड़ की लागत से बनाए गए हैं। एक लघु सचिवालय भी बना है। जिसमें पटवारी, सरपंच, सेक्रेटरी व सीएससी सेंटर है। वहीं चौपाल में 90 इंज की 6 एलईडी लगी हैं। गांववासियों की सुरक्षा के लिए 875 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बारात घर से लेकर स्ट्रीट लाइट में सोलर पैनल लगाए हुए हैं।
गांव अरूआ के लोग बृहस्पतिवार को तोड़फोड़ रुकवाने के लिए तिगांव तहसील पहुंचे। जहां नायब तहसीलदार अजय कुमार से मिले। नायब तहसीलदार ने बताया कि वह सिर्फ उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन कर रहे हैं। वहीं विधायक राजेश नागर ने गांव पहुंचकर फोन से डीसी और एसडीएम से बात की। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। वहीं आज ग्रामवासी डीसी से कार्रवाई पर स्टे की अपील करेंगे।