January 19, 2025

दिल्ली की राजनीति: विधानसभा चुनाव को लेकर मेट्रो में मुफ्त घोषणाओं पर बहस…

New Delhi/Alive News: मेट्रो ट्रेन में राजनैतिक दलों की मुफ्त की घोषणाओं पर बहस शुरू हो रही है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प होता जा रहा है। सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के साथ स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर रही है। वहीं, चुनाव को लेकर दिल्ली मेट्रो में यात्रियों के बीच बहस और चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो चुका है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में बैठे उम्मीदवारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है तो दूसरी और दिल्ली के मतदाता चुनावी समीकरण की समीक्षा करने में लगे हुए है। प्रत्येक मतदाता अपने उम्मीदवार को जिताने में लगा हुआ है।

अलाईव न्यूज के संवाददाता ने दिल्ली मेट्रो में यात्रा फरीदाबाद से लेकर राजीव चौक तक की और देखा कि यात्री मेट्रों में सफर के दौरान दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दलों की मुफ्त की घोषणा पर आपस में बहस कर रहे हैं। संवाददाता ने वोटर का मन टटोला। वोटर के अलावा हरियाणा का नागरिक भी मेट्रो में राजनैतिक दलों की मुफ्त की घोषणा से नाराज दिखाई दिया।

सुबह सुबह ड्युटी की हड़बड़ाहट के बीच किसी को मेट्रो में सीट मिली तो किसी नही मिली फिर भी लोग दिल्ली चुनाव की चर्चा में कुदे हुए थे। कुछ लोग मुफ्त की घोषणाओं पर चर्चा कर रहे थे। इसी बीच बदरपुर स्टेशन से मेट्रो में सवार हुए यात्री सुबोधकांत सहाय ने चर्चा में कुद कर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि हर बार चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां जनता के वोट खींचने के लिए बड़े-बड़े वादे करती हैं। इस बार विभिन्न राजनीतिक दल के चुनावी घोषणा पत्र से विशेष मुद्दे जैसे रोजगार, विकास, शिक्षा और परिवहन गायब है। सभी बड़ी पार्टियों ने एलपीजी सिलेंडर, वृद्धावस्था पेंशन और मुफ्त इलाज पर विशेष ध्यान दिया है।

इतने में यात्री सुबोधकांत सहाय की बात को बीच में रोकते हुए बुजुर्ग यात्री धर्म सिंह डागर कहने लगे कि भाजपा भले ही केंद्र में मौजूद है लेकिन उसने बुजुर्गों को रेल यात्रा में मिलने वाली छूट के साथ ही आधी से ज्यादा सुविधाओं को बंद कर दिया। वहीं, आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकाल में राजधानी में कोई खासा विकास कार्य भी नहीं कराया है। किसी भी पार्टी के पास कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। सभी एक दूसरे की नकल करने में लगे हुए है लेकिन इन सब के बीच दिल्ली चुनाव में बसपा के आने से चुनावी समीकरण में बड़ा फेर बदल देखने को मिल सकता है।

इतने में सरिता विहार स्टेशन मेट्रो पहुंच चुकी थी तो धर्म सिंह डागर की बात को सुनने के बाद पास में बैठी महिला यात्री सरोज बीच में बोल पड़ी। उन्होंने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियां दिल्ली की जनता को केवल पैसों का लालच दे रही है, क्योंकि कोई भी पार्टी युवाओं के रोजगार पर बात नहीं कर रही है। राजनैतिक दल लोगों को पैसे का लालच देकर रहे है तो कोई अभी से ही लुभाने में लगा है। लेकिन कोई भी पार्टी मजदूरों का वेतन बढ़ाने की बात नहीं कर रही है। किसी भी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में निजीकरण को खत्म करने की बात नहीं कही है। कोई भी उम्मीदवार स्थानीय समस्याओं पर बात नहीं कर रहा है। पार्टियों ने एलपीजी सिलेंडर और वृद्धावस्था पेंशन को सबसे बड़ा मुद्दा बना लिया है।