November 15, 2024

चुनाव की विलम्भता ने खोली युवा नेता की पोल

वृद्धा पेंशन के 5 सौ रूपए देकर हथियाना चाहता था वोट

फरीदाबाद : आर्थिक सहायता(वृद्धा पेंशन) के नाम पर नगर निगम चुनाव जीतने की जुगत लगाने वाले नेता का समाजसेवी चोला उस समय उतरता हुआ नजर आया जब नगर निगम चुनाव में कई महीनों के विलम्भ की खबरें आने लगी। यह तथाकथित युवा नेता अपने 5 से 6 सौ रूपए का सेहतपुर के लोगों को पेंशन के नाम पर लालच देकर बुजुर्गो के वोट बैंक को हथियाना चाहता था, लेकिन युवा नेता के पार्षद बनने के मनसुबो पर चुनाव आयोग ने पानी फेर दिया। उनके पेंशन धारक बताते है कि नेता जी ने अब क्षेत्र की जनता से मुंह छुपाना शुरू कर दिया है और धीरे-धीरे बुजुर्गो को दी जाने वाली पेंशन को भी बंद किया जा रहा है।

क्षेत्र के वृद्धों का कहना है कि नेता जी अब तो कार्यालय में भी नहीं दिखाई देते। जब उनके कार्यालय पर पेंशन के लिए पहुंचते है तो कुछ शरारती तत्वों द्वारा उन्हें गुमराह किया जाता है कि पेंशन नेता जी आकर देंगे, लेकिन कई-कई दिनों तक चक्कर काटने के बाद भी नेता जी दिखाई नहीं देतेे है। कुछ लोगों का कहना है कि चुनाव में विलम्भ होने के कारण नेता जी भूमिगत हो गए है। खबर ज्ञात रहे कि इस्माईलपुर गांव से नगर निगम उम्मीदवार का दावा ठोकने वाले नितिन भड़ाना ने बुजुर्गो के लिए 5-6 माह से वृद्धा पेंशन बांटने का कार्यक्रम शुरू किया हुआ था। लेकिन चुनाव की दूरियां को देखकर दानदाता उम्मीदवार ने अपने खजाने की पेटी पर ताला ठोक दिया है। पेंशन बांटने की पुष्टी नितिन भड़ाना समाचार पत्र में अपना इंटरव्यू छपवाकर कर चुके है।

उन्होंने छपे इंटरव्यू में बुजुर्गो और क्षेत्र के लोगों के लिए कई दावे पेश किए थे, लेकिन उन दावों की हवा चुनाव की दूरी ने निकाल दी है। नाम न छापने की एवज में एक बुजुर्ग ने बताया कि मैं सरकारी कार्यालय में पेंशन बनवाने के लिए चक्कर काटता रहता था, लेकिन एक दिन एक समाजसेवी ने नितिन भड़ाना से मुलाकात कराई और उनके यहां मेरा नाम पेंशन के लिए लिखवा दिया था और मुझे कहा गया कि भाई को नगर निगम चुनाव में वोट करना होगा। मैंने जवाब में कहा कि जो बुजुर्गो का सम्मान और सहायता करेगा, उसके लिए वोट अपना ही नहीं बल्कि क्षेत्र के लोगों का भी दिलवाया जाएगा।

मैं कुछ महीने तक नितिन भड़ाना के कार्यालय से पेंशन लेता रहा, लेकिन अब कुछ महीने से न तो कार्यालय पर नितिन मिलता है और न ही कोई पेंशन देने वाला है। क्षेत्र की राजनैतिक गलियों में चर्चा है कि नितिन भड़ाना पेंशन बांट-बांटकर अपनी समाजसेवा का पहर पूरा कर चुके है। अब, उन्हें समाजसेवा करने और चुनाव लडऩे के सपने आने बंद हो गए है। शायद इसी वजह से झूठ से राजनीति करने की मंशा रखने वाले नितिन भड़ाना की पोल चुनाव के विलम्भ ने खोल दी है।