Faridabad/Alive News: गांव सुलखनी में जल मिशन योजना के तहत करीब 3.4 करोड रुपए की लागत से टैंक व वाटर ट्रीटमेंट बनने के बाद भी सुलखनी को साफ स्वच्छ पेयजल न मिलने के कारण गांव की महिलाएं को फिर से भड़क गई। पहले दिन महिलाओं ने तालाबंदी की तो उस दौरान कर्मचारियों ने ही ताला तोड़ दिया था। इसी बात से गुस्साई महिलाओं ने जलघर पहुंच कर दोबारा से तालाबंदी कर दी।
महिलाओं ने जलघर के पुराने टैंक में मरी हुई करीब 10 किलो की मछली भी बरामद की। महिला तारों देवी, सूरजमुखी, संतरों देवी, दर्शना, रोशनी, तन्नू सहित अन्य ने बताया कि सुलखनी गांव के जलघर का पानी बालसमंद सब ब्रांच नहर से आता है। महिलाओं ने कहा कि यह पानी उनके जलघर में नहीं पहुंचता। पुराने टैंक में जमा काले रंग का खराब पानी व ट्यूबवेल का पानी सप्लाई में मिक्स करके दिया जा रहा है और नहर का पानी खेतों में चोरी करके लगाया जा रहा है।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि यह सब अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत है। जलघर से दूषित पानी की आपूर्ति दिए जाने के मामले में वीरवार को भी ग्रामीणों की दूषित पेयजल समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। जिससे पुराने टैंक का पानी सप्लाई में दिया जा रहा था उसी में मरी हुई मछलियां मिली। महिलाएं जलघर पहुचीं तो जलघर के पुराने टैंक में मृत मछली मिलने से महिलाएं भड़क गई। जलघर के पुराने वाटर टैंक में मरी हुई मछली व मरा हुआ सांप भी मिला। इस दौरान महिलाओं ने एक बार फिर से बूस्टिंग स्टेशन पर ताला बंदी कर दी। इसके अलावा जल मिशन के तहत हो रहे कार्य को भी रुकवा दिया। कर्मचारियों को भी बाहर निकाल दिया।
इस दौरान ताला जड़ने की सूचना विगााधिकारियों तक पहुंच गई थी, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इस दौरान महिलाओं ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन करने पर विवश होंगी। पुराने टैंक से पेयजल आपूर्ति की समस्या का समाधान देर शाम तक अधिकारियों ने करवा दिया। जिसके बाद जलघर पर महिलाओं द्वारा लगाए गए ताले को खोला गया और पानी की सप्लाई सुचारू रूप से शुरू कर दी गई। इस समय में जल आपूर्ति विभाग के एसडीओ कुलदीप कोहड़ व कनिष्ठ अभियंता राजकुमार मित्तल ने कहा की समस्या का समाधान करवा दिया गया है।