May 7, 2024

विपुल गोयल के घर गणेश उत्सव में पहुंचे दलेर मेहंदी

Faridabad/Alive news : सेक्टर 17 में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के घर आयोजित गणेश उत्सव में पहुंचकर प्रसिद्ध पंजाबी और बॉलीवुड सिंगर दलेर मेहंदी ने भजन संध्या में चार चांद लगा दिये। दलेर मेहंदी 9 बजे के आसपास उत्सव में पहुंचे। पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। स्टेज पर पहुंचकर दलेर मेहंदी ने सबसे पहले गणपति बप्पा की वंदना की और उद्योग मंत्री विपुल गोयल का आभार जताया।

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उत्सव के तीसरे दिन भजन संध्या में अशोक मस्ती और भुप्पी के भजनों ने भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। देर शाम उत्सव में पहुंची बॉलीवुड अभिनेत्री महिमा चौधरी और पंजाबी पॉप सिंगर अशोक मस्ती ने भी भक्तों को गणेश की महिमा बताई। महिला चौधरी ने फरीदाबाद में आयोजित गणेश उत्सव को मुंबई की टक्कर का बताया। भक्तों की संख्या देखकर चौधरी ने कहा कि किसी भी मायने में विपुल गोयल द्वारा आयोजित गणेश उत्सव मुंबई में होने वाले उत्सवों से कम नहीं है। गणपति उत्सव के तीसरे दिन बॉलीवुड सितारों को अपने बीच पाकर भक्तों में सेल्फी लेने की होड़ भी दिखाई दी।

कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के घर चल रहे गणपति उत्सव में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय खास तौर पर पहुंचे। गणपति का आशीर्वाद लेने के बाद वे बैठे ही थे कि स्टेज से उनके भजनों की मांग कर दी गई। कैलाशपति के पुत्र के उत्सव में कैलाश विजयवर्गीय ने भी भक्तों-श्रद्धालुओं की मांग पूरी करने में देर नहीं की। स्टेज पर पहुंच कर माइक पकड़ा और भक्तों को रामायण की चौपाइयां सुनाकर मगन कर दिया। कैलाश विजयवर्गीय एक ही प्रस्तुति के बाद जाना चाहते थे, लेकिन सभी भक्त बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री की मधुर आवाज और सुनना चाहते थे। श्रद्धालुओं के जोरदार आग्रह पर कैलाश विजयवर्गीय ने ‘छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो नंद गोपाल’ सुनाकर सभी का मन मोह लिया।

बुधवार की दोपहर स्कूल की छुट्टी के बाद साईं धाम मंदिर, ग्रेटर फरीदाबाद स्कूल के बच्चे भी उत्सव में पहुंचे और गणपति जी का आशीर्वाद लिया साथ ही बच्चों ने गणपति के लिए भक्तिमय प्रस्तुति देकर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उत्सव में रास-लीला का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। राधा-कृष्ण की जोड़ी ने गोयल परिवार के सभी सदस्यों को झूमने पर मजबूर कर दिया। राधा-कृष्ण के बीच संगीतमय प्यार-मनुहार, उलाहना और रूठने-मनाने का लंबा दौर चला।