November 6, 2024

डी.ए.वी. शताब्दी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर किया गया सेमिनार का आयोजन

Faridabad/Alive News: डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किया गया। इस सेमिनार का विषय’’ उच्चतर शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में चुनौतियों एवं अवसर इसका मुख्य विषय’’ रहा। इस सेमिनार का शुभारम्भ मां शारदा के समीप दीप प्रज्जवलित कर एवं डी.ए.वी गान से हुआ।

सर्वप्रथम महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ.सविता भगत ने सभी अतिथियों का महाविद्यालय के प्रांगण में आने पर हार्दिक स्वागत किया। डॉ. सविता भगत ने सेमिनार के विषय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति का उददेश्य मनुष्य का बौद्दिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक विकास करना है। उन्होनें नई शिक्षा नीति को छात्रों के शैक्षिक विकास के साथ-साथ उनके कौशल और नैतिक गुणों के विकास में उपयोगी बताया।

सेमिनार के उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के पूर्व निर्देशक प्रो.जे.एस. राजपूत उपस्थित रहे। उन्हें 2015 में भारत सरकार के द्वारा पदम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह यूनेस्को सहित कई अंतराष्ट्रीय संगठनों से भी जुडे़ रहे है। उनके अनुसार शिक्षा का अर्थ मनुष्य का समग्र एवं बहुआयामी विकास करना है। प्रो.जे.एस.राजपूत ने कहा कि नई शिक्षा नीति में समय की आवश्यकता के अनुसार सब कुछ है।

उन्होंने मातृ भाषा पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी के अन्दर नई शिक्षा नीति के तहत मौलिक चिंतन विकसित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने बड़े-बड़े विद्ववानों जे.आर.डी. टाटा, अल्बर्ट, आईस्टीन, स्वामी विवेकानन्द, रवींद्रनाथ टैगोर का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी यदि लक्ष्य को निपुणता के साथ अर्जित करने का प्रयास करे तो लक्ष्य निश्चित रुप से पूरा होता है।

उन्होंने सभा में उपस्थित कुलपति महोदय से आग्रह करते हुए कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में रक्षा तकनीकी विभाग की स्थापना की जानी चाहिए। जिससे हम छात्रों को आत्मनिर्भर बनाकर उनका ध्यान उद्यमिता की ओर केन्द्रित कर सके क्योंकि नई शिक्षा नीति छात्रों को कौशल विकास, उद्यमिताप्रद और रोजगारपरक शिक्षा देने की बात कहती है। उन्होंने 12 वर्षीय छात्र कार्तिकेय झाकर की सफलता को भी सांझा किया। प्रो. अनोज राज ने ’’वोकेशनल कोर्सेज एंड रिसर्च’’ पर अपने बहुमूल्य विचार सांझा करते हुए कहा कि देखना होगा कि वोकेशनल कोर्सेज कर पाठयक्रम कैसा हो और रिसर्च की क्वालिटी के साथ कोई समझौता न हो। प्रथम तकनीकी सत्र के बाद ’चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम’, मल्टीपल एंटी एंड कॉम्प्रिहेंसिव इवैलयूएशन सिस्टम’ विषयों पर पैनल चर्चा हुई।

प्राचार्या डॉ. सविता भगत की तारीफ की एवं कहा कि जैसे एक स्पोर्टस टीम में 11 खिलाडी होते हैं ठीक उसी प्रकार सविता भगत ने भी खिलाड़ियों के रुप में एक से उत्तम एक 11 वक्तओं को चुन कर इस सेमिनार में प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में उतराखंड, यूपी, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के विभिन्न्न हिस्सों से तकरीबन सौ से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। फरीदाबाद के शहर के आस पास के उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षकों और प्राचार्या ने सेमिनार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस कार्यक्रम का प्रसारण यूटयूब फेसबुक एवं जूम के माध्यम से भी किया।