Faridabad/Alive News: एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ़्तार किए गए आरोपियों में अमित, सुनील उर्फ राजू, मयंक, सागर, कृष्णावीर, नीरज कुमार तथा अर्जुन का नाम शामिल है। आरोपी अमित, सुनील, मयंक, सागर व कृष्णावीर उत्तर प्रदेश तथा आरोपी नीरज नई दिल्ली व अर्जुन पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। आरोपी मयंक एचडीएफसी बैंक में मैनेजर की नौकरी करता था वहीं आरोपी कृष्णावीर इंडसइंड बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर तैनात है। 23 जनवरी को साइबर थाना एनआईटी में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर 8.54 लाख रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था।
आजकल के आधुनिक युग में कोई भी व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन काम करके पैसा कमाना चाहता हैं लेकिन कुछ साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। इसके लिए साइबर अपराधी फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोगों को ग्रुप में जोड़कर पैसे कमाने का लालच देते हैं और आम आदमी मोटी कमाई के लालच में आकर उनकी बातें मानने लगता है। इसी तरह आरोपियों ने फरीदाबाद के रहने वाले व्यक्ति के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित की शिकायत पर थाने में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच के लिए थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अमित के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया जिसमें पीएसआई अर्जुन, सहायक उप निरीक्षक भूपेंद्र, मुख्य सिपाही नरवीर सिंह, संजय गौतम, सिपाही सवित तथा दीपेंद्र ने मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए तथ्यों के आधार पर 29 फरवरी को दिल्ली एनसीआर एरिया से आरोपी अमित, नीरज, मयंक तथा सागर को गिरफ्तार कर लिया।
इसके पश्चात उनकी जानकारी के आधार पर आरोपी अर्जुन, सुनील तथा कृष्णवीर को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को अदालत में पेश करके 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान सामने आया कि मामले के मुख्य आरोपी अमित तथा सुनील हैं जो चीन के किसी मेक नाम के व्यक्ति के साथ टेलीग्राम पर संपर्क में थे। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए एक असली कंपनी की वेबसाइट जैसी ही एक फर्जी वेबसाइट बनाकर उसमें ट्रेडिंग करवाते थे तथा जब उसे वेबसाइट में वह व्यक्ति अच्छा खासा पैसा जोड़ देता था तो वह पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। आरोपी फर्जी सिम कार्ड तथा आरोपियों में शामिल बैंक कर्मचारी इन्हें फर्जी खाते उपलब्ध करवाते थे। आरोपियों के कब्जे से 22500 रुपए, 4 मोबाइल फोन, 7 चेक बुक तथा 3 डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात सभी आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।