November 6, 2024

अदालत ने आरोपी नाबालिग को संप्रेक्षण गृह से रिहा करने के आदेश

Mumbai/Alive News: पुणे के पोर्श कार दुर्घटना मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने हादसे के आरोपी नाबालिग को संप्रेक्षण गृह से रिहा करने के आदेश दिए हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि किशोर को संप्रेक्षण गृह से तुरंत रिहा किया जाए। न्यामूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजुषा देशपांडे की पीठ ने यह फैसला सुनाया। दरअसल किशोर की चाची ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में किशोर की रिहाई की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि किशोर का पालन-पोषण फिलहाल उसकी चाची ही करेंगीं क्योंकि उसके माता-पिता और दादा को गिरफ्तार किया गया है।

उच्च न्यायालय ने माना कि यह गंभीर अपराध है लेकिन कहा ‘हमारे हाथ कानून से बंधे हैं। कानून का उल्लंघन करने पर किसी भी बच्चे के साथ वयस्कों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।’ अदालत ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड का किशोर को संप्रेक्षण गृह में भेजने का आदेश गलत था। अदालत ने कहा कि यह किशोर न्याय बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर का फैसला था।

19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में पोर्श कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी। हादसे में बाइक सवार दो आईटी इंजीनियरों की मौत हो गई थी। दोनों मृतकों की पहचान अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा के रूप में हुई थी। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि पोर्श कार को 17 वर्षीय किशोर चला रहा था, जो घटना के वक्त नशे में था। हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने किशोर को घेर लिया था और उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। इसके बाद उस बार के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे, जहां किशोर ने शराब पी थी।